हरियाली के संग बच्चों की रचनात्मकता ने जीता दिल
चौसा उच्च विद्यालय शनिवार को प्रखंडस्तरीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया, जहां पौधों की हरियाली और बच्चों की रचनात्मकता ने सबका मन मोह लिया।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और एक पेड़ मां के नाम अभियान से हुई। अधिकारियों और शिक्षकों ने परिसर में पौधे लगाकर यह संदेश दिया कि पर्यावरण बचाना केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता है। पौधों की हरियाली के बीच जब बच्चों की पेंटिंग्स और क्विज़ मुकाबले की झलकियां सामने आईं तो माहौल और भी रंगीन हो उठा।

केटी न्यूज/चौसा
चौसा उच्च विद्यालय शनिवार को प्रखंडस्तरीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया, जहां पौधों की हरियाली और बच्चों की रचनात्मकता ने सबका मन मोह लिया।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और एक पेड़ मां के नाम अभियान से हुई। अधिकारियों और शिक्षकों ने परिसर में पौधे लगाकर यह संदेश दिया कि पर्यावरण बचाना केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता है। पौधों की हरियाली के बीच जब बच्चों की पेंटिंग्स और क्विज़ मुकाबले की झलकियां सामने आईं तो माहौल और भी रंगीन हो उठा।
पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने रंगों से पर्यावरण का दर्द और उम्मीद दोनों को उकेरा। वहीं क्विज़ में पर्यावरण से जुड़े सवालों पर बच्चों की तत्परता ने यह साबित किया कि नई पीढ़ी न केवल जागरूक है, बल्कि समाधान की दिशा में भी सोचती है। विजेता बच्चों को मंच से सम्मानित किया गया, जिससे उनके चेहरे गर्व से खिल उठे।
वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने कहा कि जलवायु संकट से निपटने का सबसे बड़ा हथियार वृक्षारोपण है। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान को भावनाओं और जिम्मेदारी से जोड़ते हुए समाज को प्रेरित किया। वहीं बीईओ हृषिकेश कुमार सिंह ने बच्चों को संदेश दिया कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह हमें प्रकृति की रक्षा करना सिखाए। बीडीओ अशोक कुमार ने पेड़ों को धरती का असली धन बताते हुए हर व्यक्ति से पौधारोपण की अपील की।
महोत्सव में प्रधानाध्यापक, शिक्षक, वनकर्मी और छात्र-छात्राओं ने एकजुट होकर पौधों की सुरक्षा का संकल्प लिया। अंत में पूरा विद्यालय परिसर बच्चों की तालियों और पौधों की हरियाली से गूंज उठा। यह वन महोत्सव केवल पौधारोपण का कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि यह भविष्य को हरियाली की सौगात देने का संकल्प बन गया।