खराब था सिग्नल, 10 KM की स्पीड से ही चलानी थी ट्रेन... जानिए कहां हुई चूक?
पश्चिम बंगाल में सोमवार सुबह रानीपतरा रेलवे स्टेशन और छत्तरहाट जंक्शन के बीच एक बड़ा रेल हादसा हो गया। सियालदह से चलने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में कम से कम 9 यात्रियों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: पश्चिम बंगाल में सोमवार सुबह रानीपतरा रेलवे स्टेशन और छत्तरहाट जंक्शन के बीच एक बड़ा रेल हादसा हो गया। सियालदह से चलने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में कम से कम 9 यात्रियों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड कोच, दो पार्सल कोच और एक जनरल सीटिंग कोच पटरी से उतर गए, वहीं मालगाड़ी के कुछ वैगन भी बेपटरी हो गए।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, हादसे वाले रूट पर सुबह 5.50 बजे से ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब था। ट्रेन नंबर 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) सुबह 8.27 बजे रंगपानी स्टेशन से रवाना हुई थी, लेकिन सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और छत्तरहाट जंक्शन के बीच रुक गई थी। रेलवे अधिकारी ने बताया कि जब ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी आती है, तो स्टेशन मास्टर TA-912 नाम का एक लिखित नोट जारी करता है। यह नोट लोको पायलट को सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं करने की स्थिति में सभी रेड सिग्नल क्रॉस करने की अनुमति देता है। रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को TA-912 जारी किया था।
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने अपने शुरुआती बयान में बताया कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल का उल्लंघन किया था। एक मालगाड़ी सुबह 8.42 बजे रंगपानी रेलवे स्टेशन से रवाना हुई और सिग्नल फेल होने के कारण ट्रैक पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। इससे कंचनजंगा एक्सप्रेस के कई कोच पटरी से उतर गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
रेलवे नियमों के अनुसार, सिग्नल खराब होने की स्थिति में ड्राइवर को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना होता है और 10 किमी प्रति घंटे की गति से ही आगे बढ़ाना होता है। अब जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मालगाड़ी को TA-912 नोट जारी किया गया था या नहीं। यदि TA-912 जारी भी किया गया हो, तो भी ड्राइवर को नियमों का पालन करना जरूरी था।
इंडियन रेलवे लोको रनिंगमेन ऑर्गनाइजेशन (IRLRO) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि ड्राइवर ने रेड सिग्नल का उल्लंघन किया, जिससे हादसा हुआ। उन्होंने कहा, 'हादसे में लोको पायलट की मौत हो चुकी है और अभी सीआरएस जांच लंबित है। जांच पूरी होने से पहले ही लोको पायलट को हादसे के लिए जिम्मेदार घोषित करना बेहद आपत्तिजनक है।'
रेलवे द्वारा हादसे की जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है। यात्रियों और उनके परिवारों को उचित मुआवजा और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल और प्रशासन घटना स्थल पर मौजूद हैं और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे द्वारा हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।