वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के प्रोफेसर अविनाश सक्सेना को विश्वविद्यालय ने किया निलंबित

पिछले पांच अक्टूबर को डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में स्टाइपेंड की मांग पर छात्रों ने उग्र आंदोलन किया था। इस दौरान छात्रों का रवैया उपद्रवियों जैसा था। छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट को अंदर से बंद कर प्राचार्य कक्ष में जा उनके साथ बदसलूकी की थी तथा प्राचार्य कक्ष में लगे लाखों के उपकरणों को तोड़ दिया था। यही नहीं उग्र छात्रों ने जबरन तत्कालीन प्राचार्य मुकेश सिन्हा से इस्तीफा भी लिखवाया था।

वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के प्रोफेसर अविनाश सक्सेना को विश्वविद्यालय ने किया निलंबित

- पिछले दिनों प्राचार्य को बंधक बनाने व दुर्व्यवहार मामल में छात्रों को भड़काने का लगा है आरोप, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक निदेशक ने जांच रिपोर्ट के आधार पर किया है निलंबित

केटी न्यूज/डुमरांव

पिछले पांच अक्टूबर को डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में स्टाइपेंड की मांग पर छात्रों ने उग्र आंदोलन किया था। इस दौरान छात्रों का रवैया उपद्रवियों जैसा था। छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट को अंदर से बंद कर प्राचार्य कक्ष में जा उनके साथ बदसलूकी की थी तथा प्राचार्य कक्ष में लगे लाखों के उपकरणों को तोड़ दिया था। यही नहीं उग्र छात्रों ने जबरन तत्कालीन प्राचार्य मुकेश सिन्हा से इस्तीफा भी लिखवाया था।

इस मामले में पूर्व प्राचार्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित जानकारी दी थी कि छात्रों को भड़काने में कॉलेज के प्रोफेसर अविनाश सरीन सक्सेना के साथ ही कुछ अन्य कर्मियों का हाथ है। पूर्व प्राचार्य की शिकायत की जांच कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है उसमें प्रथम दृष्टया प्रो. अविनाश सक्सेसना को साजिश के तहत छात्रों को भड़काने का दोषी पाया गया है। जिसके बाद विश्वविद्यालय के प्रशासन निदेशक ने उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मधेपुरा बनाया गया है। यह आदेश शनिवार को ही निदेशक ने जारी किया है। 

इसके अलावे कृषि अभियंत्रण कॉलेज के प्रो. मोहन कुमार सिन्हा का तबादला अररिया किया गया है। माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज डुमरांव की प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने तथा अनुशासन बनाए रखने के उदेश्य से किया है। 

छात्रों ने पूरे दिन किया था हंगामा, प्राचार्य से हुई थी बदसलूकी

बता दें कि पांच अक्टूबर को वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में पूरे दिन छात्रों ने हंगामा किया था। मुख्य गेट में अंदर से ताला बंद करने के बाद उग्र छात्र सीधे पूर्व प्राचार्य मुकेश कुमार सिन्हा के कक्ष में पहंुच गए थे तथा उन्हें चारों तरफ से घेर बदसलूकी की थी। इस दौरान प्राचार्य बेबस नजर आ रहे थे। हालांकि, सूचना मिलते ही डुमरांव पुलिस भी मौके पर पहुंची थी, लेकिन छात्रों ने इसे कॉलेज का मामला बता पुलिस को हस्तक्षेप नहीं करने दिया था। करीब तीन से चार घंटे तक पूर्व प्राचार्य उपद्रवी छात्रों के कब्जे में रहे। इस दौरान छात्रों ने प्राचार्य कक्ष के टेबल, मेज, कुर्सी समेत कई अन्य कीमती उपकरणों को तोड़-फोड़कर नष्ट कर दिया था। छात्रों के उग्र प्रदर्शन के दौरान कॉलेज के अन्य प्राध्यापक तथा कर्मी प्राचार्य के बचाव के लिए नहीं गए थे। 

घटना के बाद से ही छात्रों को भड़काने की होने लगी थी चर्चा

इस घटना के बाद से ही कॉलेज परिसर में कुछ प्रोफेसर द्वारा छात्रों को भड़काने की चर्चा होने लगी थी। कॉलेज में अंदरखाने इस बात की चर्चा भी हो रही थी कि पूर्व प्राचार्य काफी सख्त टाइप के थे तथा उनसे कॉलेज के कई प्रोफेसर तथा कर्मियों की बन नहीं रही थी। जिस कारण कर्मी व प्रोफेसर अंदरखाने मौके की तलाश में थे। इसी दौरान कुछ छात्रों के स्टाइपेंड के मुद्दे के रूप में एक लतीफा उनके हाथ लग गया। जानकारों का कहना है कि कर्मियों के उकसावे में ही छात्र उग्र हो प्राचार्य को बंधक बनाने के साथ ही कॉलेज की संपति को नुकसान पहुंचाया था।

पूर्व में भी हो चुका है विवाद

बता दें कि डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में कई बार छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया है। इसके पूर्व इस कॉलेज के प्रथम प्राचार्य डॉ. डीपीएस दिवाकर के समय भी छात्रों ने कई दिनों तक बवाल काटा था। छात्रों के प्रदर्शन के कारण ही विश्वविद्यालय प्रशासन को उन्हें वापस बुलाना पड़ा था। जबकि पिछले वर्ष भी तत्कालीन प्राचार्य मुकेश कुमार सिन्हा को छात्रों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस दौरान पुलिस तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ था।