राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1771 मामले, चार करोड़ 96 लाख 1665 रूपए के मामलो का हुआ समझौता

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, आनंद नंदन सिंह, उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी एवं अवर न्यायाधीश सह सचिव, देवेश कुमार, व्यवहार न्यायालय, बक्सर, और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1771 मामले, चार करोड़ 96 लाख 1665 रूपए के मामलो का हुआ समझौता

- वाद के निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल अठारह बेंच 

केटी न्यूूज/बक्सर

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, आनंद नंदन सिंह, उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी एवं अवर न्यायाधीश सह सचिव, देवेश कुमार, व्यवहार न्यायालय, बक्सर, और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया।

मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर मंच का संचालन उपस्थित रिटेनर अधिवक्ता विष्णु दत्त द्विवेदी ने किया। सुबह दस बजे शुरू हुए इस राष्ट्रीय लोक अदालत में समाचार लिखे जाने तक विभिन्न वाद के कुल 1771 मामले का निपटारा कराया गया। जिसमें आपसी समझौते से चार करोड़ 96 लाख 1665 रूपए के वादों का निपटारा किया गया। 

एक दिन में मुकदमें के निपटारा का सुलभ साधन है लोक अदालत - जिला न्यायाधीश

इस दौरान अपने संबोधन में जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है, बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। उन्होंने अपने संबोधन में लोक अदालत में आने वाले सभी पक्षकारों का स्वागत किया। 

मौके पर देवेश कुमार अवर न्यायाधिश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार ने कहा कि देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है।

इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं। वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने-अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता।

यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है। 

सबसे अधिक बैंक के 587 मामलों का हुआ निपटारा 

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 587 व भारत संचार निगम लिमिटेड, ग्राम कचहरी के 84, आपराधिक के 107 वाद, बैंक रिकवरी के 425 वाद, जिसमे पचपन लाख 456 रूपए की रिकवरी, यातायात अधिनियम के 441 मामले जिसमें 26,55,212 रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 126 मामले का निपटारा कराया गया, जिसमें 22,96,303 रुपए जिले के विभिन्न बैंकों ने 587 मामलों जिसमें हुए निष्पादन में इस दौरान कुल 03 करोड़ 81 लाख 49 हजार 694 रुपए की रिकवरी किया गया। बताते चले कि गठित अठारह पीठ मे से प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, रामचंद्र प्रसाद के पीठ में सबसे अधिक कुल 126 वाद का निष्पादन किया गया।

विदित हो कि माननीय पटना उच्च न्यायालय, पटना द्वारा जारी अधिसूचना में इन्हें पदोन्नती प्रदान कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, कटिहार बनाया गया है। मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मनोज कुमार द्वितीय, विजेंद्र कुमार, रघुबीर प्रसाद, राकेश कुमार राकेश प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, रामचंद्र प्रसाद, अवर न्यायाधीश, आरती जायसवाल, कमलेश सिंह देव, अवर न्यायाधीश रंजना दुबे, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी नेहा त्रिपाठी, विष्णु प्रिया, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, पैनल अधिवक्ता  जितेंद्र कुमार, चंद्रकला वर्मा, किरन कुमारी आदि। वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, वरीय लिपिक संजय कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।