वर्ष के चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1975 मामले, 26791413 रुपए की समझौता राशि के मुकदमों का हुआ निपटारा

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष की चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर, मनोज कुमार, प्रथम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय, प्रेमचंद्र वर्मा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अंशुल अग्रवाल, जिला पदाधिकारी, बक्सर एवं उपस्थित मंचासीन पदाधिकारियों एवं नेहा दयाल, अवर न्यायाधीश सह सचिव, जिला प्राधिकार, बक्सर, और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया।

वर्ष के चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1975 मामले, 26791413 रुपए की समझौता राशि के मुकदमों का हुआ निपटारा

केटी न्यूज/बक्सर

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष की चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर, मनोज कुमार, प्रथम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय, प्रेमचंद्र वर्मा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अंशुल अग्रवाल, जिला पदाधिकारी, बक्सर एवं उपस्थित मंचासीन पदाधिकारियों एवं नेहा दयाल, अवर न्यायाधीश सह सचिव, जिला प्राधिकार, बक्सर, और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया। 

मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर मंच का संचालन विनय कुमार सिन्हा, चीफ, लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम, बक्सर ने किया। लोक अदालत पूर्वाह्न समय दस बजे शुरू की गई। समाचार लिखे जाने तक चल रहे इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वाद के 1975 मामले का निपटारा कराया गया।

इस दौरान अपने संबोधन में प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। उन्हओंने कहा कि लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन करवाएंगे। 

जबकि नेहा दयाल अवर न्यायाधिश सह सचिव, जिला प्राधिकार ने कहा कि देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनीय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनीय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है। 

इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है। मौके पर उपस्थित अंशुल अग्रवाल, जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं। वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने-अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सकें। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। मौके पर विनय कुमार सिन्हा चीफ, विधिक सहायता परामर्श प्रणाली, बक्सर ने राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन भी दिया। उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमों को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है।  दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनों पक्षों को दिया जाता है, और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 921 वाद का निष्पादन हुआ। जिसमें 2,25,89,913 ( दो करोड़ पच्चीस लाख नवासी हजार नौ सौ तेरह रुपए ) के समझौता राशि पर हस्ताक्षर हुआ। इसके अलावे भारत संचार निगम लिमिटेड के दो एवं यातायात के कुल 510, जिसमें 08,21,551 रुपए के समझौता राशि, आपराधिक 167 वाद, चेक बाउंस के तीन, विद्युत वाद के 221 मामले का निपटारा कराया गया। विभिन्न बैंकों के 921 मामलों जिसमें हुए निष्पादन पर इस दौरान कुल दो करोड़ 25 लाख 89 हजार नौ सौ तेरह रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया गया। मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रभाकर दत्त मिश्रा, संजीत कुमार सिंह, रघुबीर प्रसाद, बक्सर, कुमार नरुन, मान्वेंद्र सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी एव अन्य पीठ में उपस्थित न्यायाधीश, पैनल अधिवक्ता, बासुकी नाथ पाठक, संगीता कुमारी, आनंद रंजना, कुमारी, अरुणिमा, विष्णु दत्त द्विवेदी, ब्रजेश कुमार, शेष नाथ ठाकुर, सत्य प्रकाश पांडेय, जितेंद्र कुमार सिन्हा, राजीव कुमार मिश्रा, रवि रंजन सिंह, तेज प्रताप सिंह, प्रीति कुमारी आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, कवींद्र नाथ पाठक, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, गजेंद्र नाथ दुबे, ओम प्रकाश सिंह, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।