डीएम के निरीक्षण में एमपी हाई स्कूल में मिले मात्र 92 छात्र, प्रधानाध्यापक से शो-कॉज, वेतन रोका
जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को एमपी हाई स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वर्ग 10 के चार सेक्शन में मात्र 27 तथा वर्ग नौ के तीन सेक्शन में मात्र 65 छात्र उपस्थित पाए गए।
- डीईओ को विद्यालय का गहन जांच कर प्रतिवेदन देने का दिया निर्देश
केटी न्यूज/बक्सर
जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को एमपी हाई स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वर्ग 10 के चार सेक्शन में मात्र 27 तथा वर्ग नौ के तीन सेक्शन में मात्र 65 छात्र उपस्थित पाए गए। छात्रों की इतनी कम उपस्थिति देख डीएम भौचक्क रह गए, उन्होंने इसे लापरवाही तथा सरकार के गुणवत्तापूर्ण मिशन को फेल करने वाला कदम माना। डीएम ने कहा कि छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कई कार्यक्रम चला रही है। शिक्षकों को छात्रोपस्थिति बढ़ाने के लिए भी कई बार निर्देश दिया गया है। बावजूद यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने प्रधानाध्यापक से शो-कॉज पूछनेे तथा वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान शौचालय में काफी गंदगी थी। इस संबंध में वहां के लाईब्रेरी में पढ रहे छात्रों के द्वारा भी शिकायत की गई। कई भवन क्षतिग्रस्त पाये गये एवं कई कमरे एवं हॉल बिना किसी उपयोग के बंद रखे गये है। जो उपयोग के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहे है।
शहरी क्षेत्र के विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न स्तरों से प्रधानाध्यापक को दिए गए निर्देश के बावजूद विद्यालय की स्थिति की सुधार के प्रति प्रधानाध्यापक ने न कोई रूचि ली है और न ही उनके पास कोई कार्य योजना है। विभिन्न मदों में उपलब्ध राशि से विद्यालय के विकास के लिए प्रधानाध्यापक की कोई कार्य योजना नहीं है। सबसे आर्श्चयजनक स्थिति यह पाया गया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर जानकारी दिए बिना पुलिस बल के उपयोग के लिए 3-4 कमरे उपलब्ध करा दिया गया है। जबकि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के द्वारा इस प्रकार के उपयोग पर रोक लगाया गया है।
डीएम ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण करते हुए वेतन भुगतान स्थगित करने का निर्देश दिया तथा डीईओ को विद्यालय की गहन जांच कर जांच प्रतिवेदन देने को कहा। डीएम के इस निरीक्षण के बाद एमपी उच्च विद्यालय में हड़कंप मचा रहा।