बाढ़ में डूबने से अधेड़ की मौत, परिवार में छाया मातम
भोजपुर जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के बबुरा बांध के समीप एक दुखद घटना में बाढ़ के पानी में डूबने से एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान 46 वर्षीय हीरालाल महतो के रूप में हुई है
केटी न्यूज़/आरा
आरा। भोजपुर जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के बबुरा बांध के समीप एक दुखद घटना में बाढ़ के पानी में डूबने से एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान 46 वर्षीय हीरालाल महतो के रूप में हुई है, जो पश्चिमी बबुरा गांव के निवासी और पेशे से मजदूर थे। इस घटना ने उनके परिवार में गहरा सदमा पहुंचाया है, और पूरे गांव में शोक का माहौल है।
घटना की जानकारी
परिजनों के अनुसार, हीरालाल महतो बुधवार को अपने मवेशियों के साथ बांध की ओर गए थे। इस दौरान, उनका पैर फिसल गया और वह बाढ़ के पानी में गिर गए। जब रात तक वह घर नहीं लौटे, तो परिवार ने यह सोचकर चिंता नहीं की कि शायद वह मवेशियों के साथ वहीं ठहर गए हैं। लेकिन गुरुवार की सुबह एक स्थानीय ग्रामीण ने उन्हें बताया कि हीरालाल बाढ़ के पानी में मृत अवस्था में पड़े हैं।
इस सूचना पर परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से हीरालाल के शव को पानी से बाहर निकाला। घटना की सूचना पाकर बड़हरा थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
परिवार की स्थिति
हीरालाल महतो अपने परिवार में तीसरे स्थान पर थे और उनके दो भाई और दो बहनें हैं। उनके परिवार में उनकी मां संपातो देवी, पत्नी सुगामनी देवी, चार पुत्र-गुड्डू, भुअर, पुतली और चेला, दो पुत्रियाँ, निशा एवं सोनी शामिल हैं। घटना के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया है। हीरालाल की मां, संपातो देवी, और पत्नी, सुगामनी देवी, का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग और रिश्तेदार भी उन्हें सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इस दुखद घटना ने सभी को गहरे दुख में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही कार्रवाई की है। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। बाढ़ के दौरान इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं, और इससे संबंधित सुरक्षा उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।
यह घटना न केवल हीरालाल महतो के परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक चेतावनी भी है। बाढ़ के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। स्थानीय प्रशासन और समाज के सभी सदस्यों को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।