दिल्ली की बेहद डरावनी जगह, यहां घूमती है सिर कटी लाश
लोथियंस कब्रिस्तान, जिसके आसपास रहने वाले लोगों के पास यहां के खौफ से जुड़ी तमाम कहानियां हैं।
केटी न्यूज़/दिल्ली
दिल्ली का इतिहास हजारों साल पुराना है। कहने और सुनने को न जानें कितनी कहानियां। यह शहर अपने आप में बहुत कुछ समेटे हुए है,जिसे शायद ही हम जानते होंगे। भीड़भाड़ वाले इस शहर में कुछ ऐसा भी है जो बेहद डरावना है। दिल्ली में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां दिन के उजाले में भी जाना जान को जोखिम में डाल सकता है। जिनमे से एक है लोथियंस कब्रिस्तान, जिसके आसपास रहने वाले लोगों के पास यहां के खौफ से जुड़ी तमाम कहानियां हैं।
1808 में स्थापित, लोथियन कब्रिस्तान नई दिल्ली का सबसे पुराना ब्रिटिश कब्रिस्तान है ।इस कब्रिस्तान में उन लोगों को दफनाया गया है जो 1808 और 1867 के बीच स्थानीय ईसाई समुदाय से थे। पूरे कब्रिस्तान में ईस्ट इंडिया कंपनी के सदस्यों और उनके परिवारों की कब्रें हैं जो 19वीं शताब्दी के दौरान भारत के पहले हैजा के प्रकोप के दौरान मारे गए थे। कब्रिस्तान में उन अंग्रेजी सैनिकों को भी दफनाया गया है जो 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान मारे गए थे। विद्रोह का मुख्य उद्देश्य ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था।
दुनिया भर के कई अन्य कब्रिस्तानों की तरह, लोथियन कब्रिस्तान भी भूत देखे जाने और भूत-प्रेत की अफवाहों से घिरा हुआ है। एक प्रसिद्ध भूतिया कहानी सर निकोलस की है। निकोलस एक ब्रिटिश अधिकारी था जिसका भूत अब कब्रिस्तान में घूमता रहता है और उसका सिर गायब है।
कहानी के अनुसार, निकोलस को एक स्थानीय भारतीय महिला से प्यार हो गया जिसने दूसरी शादी कर ली। ऐसा कहा जाता है कि टूटे हुए दिल वाले निकोलस ने अपने खोए हुए प्यार के कारण अपनी जान ले ली।इस कब्रिस्तान में आप घूमने भी जा सकते हैं, जिसका समय है सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे प्रवेश निःशुल्क है।