लगातार दूसरे दिन हुई अनियमित अस्पतालों पर कार्रवाई, अबतक सील हुए 30 अस्पताल

जिले में अवैध नर्सिंग होमों के खिलाफ मंगलवार को भी छापेमारी की गई। इस दौरान सोमवार को फर्जी तरीके से अस्पताल संचालन के रूप में चिन्हित किए गए सात अस्पतालों को सील कर उनपर एफआईआर दर्ज कराया गया। जबकि सोमवार को 23 अस्पतालों को सील किया गया था।

लगातार दूसरे दिन हुई अनियमित अस्पतालों पर कार्रवाई, अबतक सील हुए 30 अस्पताल

- मंगलवार को भी पूूरे दिन अवैध अस्पतालों व नर्सिंग होम पर छापेमारी करते रही प्रशासनिक टीम

- प्रशासन की कार्रवाई से अवैध नर्सिंग होम संचालकों में मच गया है हड़कंप, कई भूमिगत

केटी न्यूज/बक्सर

जिले में अवैध नर्सिंग होमों के खिलाफ मंगलवार को भी छापेमारी की गई। इस दौरान सोमवार को फर्जी तरीके से अस्पताल संचालन के रूप में चिन्हित किए गए सात अस्पतालों को सील कर उनपर एफआईआर दर्ज कराया गया। जबकि सोमवार को 23 अस्पतालों को सील किया गया था। जाहिर है अबतक 30 अस्पताल सील किए जा चुके है। जबकि प्रशासन के 55 अस्पतालों की सूची थी, जिन्हें संदिग्ध मान छापेमारी किया गया। सील किए गए अस्पताल संचालक या व्यवस्थापक के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज की गई है। 

मंगलवार को जिन नर्सिंग होम या अस्पतालों को सील किया गया उनमें प्रकाश यूरो स्टोन एवं किडनी केयर, कॉलेज गेट मोड़ चरित्रवन, बक्सर, जय माता दी चिकित्सालय, बक्सर, पासवान क्लिनिक, कोरानसराय, डॉ. धर्मवीर अस्पताल, कोरानसराय, डॉ. नन्द लाल तिवारी अस्पताल कोरानसराय, पूजा मेडिकल (दुर्गा क्लिनिक), नियाजीपुर, तथा पीके सरकार (बंगाली क्लिनिक), नियाजीपुर शामिल है।

इसके पूर्व सोमवार को 23 अस्पतालों को सील किया गया था। जिनमें अजंता एडवांस सर्जरी नर्सिग हॉस्पीटल बक्सर, बीएन मेमोरियल हॉस्पीटल बक्सर, जनता क्लीनिक इटाढ़ी, सोनपा हॉस्पीटल इटाढ़ी, जेके सिन्हा इटाढ़ी, विरभद्र संकट मोचन हॉस्पीटल इटाढ़ी, लाईफ हेल्थ केयर इटाढ़ी, पलक अस्पताल राजपुर, सीमा क्लीनिक राजपुर, जय गुरूदेव अस्पताल धनसोई राजपुर, मां सरस्वती शिशु क्लिनीक राजपुर, उषा अस्पताल इसापुर महावीर स्थान चौसा, सत्यम सेवा सदन चाइल्ड केयर सेन्टर, लालगंज कड़वी स्टेशन रोड, डुमरांव, आरपी हॉस्पीटल, बिजली ऑफिस के सामने डुमरांव, दुर्गा हॉस्पीटल, स्टेशन रोड डुमरांव, विश्वनाथ हॉस्पीटल रघुनाथपुर, आर्या आयुष क्लिनिक रघुनाथपुर, एमएस हॉस्पीटल रघुनाथपुर, दृष्टि आंख अस्पताल, केनरा बैंक के पास, रघुनाथपुर, निदान नर्सिंग होम, चौगाईं, लाईफ केयर नर्सिंग होम, चौगाईं तथा डॉ. एम कलामुद्दीन क्लिनिक, सिमरी शामिल था।

सील अस्पतालों के इलाजरत मरीजों को किया गया शिफ्ट

जिला प्रशासन ने बताया है कि सील किए गए अस्पतालों के में इलाजरत मरीजों को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल बक्सर में शिफ्ट किया गया। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए प्रेरित भी किया।

कई अस्पताल पाए गए है संदिग्ध

हाईटेक मेटरनिटी एण्ड सर्जिकल हॉस्पीटल, काली स्थान, बाईपास रोड, बक्सर अवैध रूप से संचालित पाया गया। परंतु, इलाजरत गंभीर मरीजों के हित में सभी मरीजों के शिफ्ट होने के बाद विधिसम्मत कारवाई की जाएगी। इसके अलावे भी कई अन्य अस्पतालों के फर्जी तरीके से संचालन की जानकारी जिला प्रशासन को मिली है। जिनकी जांच की जा रही है। जांच के बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी। वही, जानकारों का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद कई फर्जी अस्पताल संचालक अस्पताल के बाहर लगे अपने बोर्ड तक को भी हटा लिए है तथा आनन फानन में मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध तरीके से नर्सिंग होम का संचालन करने वालों में हड़कंप मच गया है। 

बोले डीएम, जारी रहेगी अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई

इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया है कि सभी अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, अस्पताल, जांच केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगा। सिविल सर्जन बक्सर को निर्देशित किया गया है कि वैसे सभी अस्पताल जिन पर कार्रवाई हुई, उन पर निगरानी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी भी इस पर नजर बनाए हुए है। सील किए गए अस्पताल यदि दुबारा खोले जाते है तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

अल्ट्रा साउंड संचालकों पर भी उठी कार्रवाई की मांग

स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि जिले में फर्जी अस्पतालों के आलवे कुकुरमुत्ते की तरह फर्जी अल्ट्रा साउंड व जांच घर भी उग आए है। जहां बिना किसी डिग्रीधारी के अवैध तरीके से जांच व अल्ट्रा साउंड कर मरीजों का दोहन किया जाता है। जानकारों का कहना है कि अधिकांश जांच घरों की रिपोर्ट भी सही नहीं होती है। जिसका शिकार मरीज बनते है, लेकिन प्रशासनिक चुप्पी से उनपर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हालांकि पिछले साल प्रशासन ने जरूरी उनपर डंडा चलाया था। तब बड़ी संख्या में अल्ट्रा साउंड व जांच घर सील किए गए थे। अब देखना है कि जिला प्रशासन का ध्यान कब अवैध तरीके से अल्ट्रासाउंड करने वालों के खिलाफ पड़ता है।