चौसा अंचल कार्यालय में अपर समाहर्ता की सख्त कार्रवाई, लापरवाही पर चेतावनी, लंबित राजस्व मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश

शुक्रवार को चौसा अंचल कार्यालय में प्रशासनिक सख्ती का नज़ारा उस समय देखने को मिला जब अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह ने अचानक पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। उनके आगमन से कार्यालय में मौजूद अधिकारियों और कर्मियों में हड़कंप की स्थिति बन गई। अपर समाहर्ता ने बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय के विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया और उपस्थिति रजिस्टर से लेकर अभिलेखों के रख-रखाव तक हर पहलू की बारीकी से जांच की।

चौसा अंचल कार्यालय में अपर समाहर्ता की सख्त कार्रवाई, लापरवाही पर चेतावनी, लंबित राजस्व मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश

-- अतिक्रमण, भूमि मापी और दाखिल-खारिज मामलों में तेजी लाने का आदेश, आरटीपीएस सेवाओं की भी गहन समीक्षा

केटी न्यूज/चौसा

शुक्रवार को चौसा अंचल कार्यालय में प्रशासनिक सख्ती का नज़ारा उस समय देखने को मिला जब अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह ने अचानक पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। उनके आगमन से कार्यालय में मौजूद अधिकारियों और कर्मियों में हड़कंप की स्थिति बन गई। अपर समाहर्ता ने बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय के विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया और उपस्थिति रजिस्टर से लेकर अभिलेखों के रख-रखाव तक हर पहलू की बारीकी से जांच की।

निरीक्षण के दौरान सबसे अधिक जोर राजस्व और भूमि से जुड़े मामलों पर रहा। अपर समाहर्ता ने पाया कि कई मामले लंबे समय से लंबित पड़े हैं, जिनका सीधा प्रभाव आम जनता के कार्यों पर पड़ रहा है। उन्होंने अतिक्रमण हटाने, भूमि मापी, दाखिल-खारिज, परिमार्जन सहित सभी राजस्व मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि समयसीमा का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि “भूमि संबंधित मामलों में देरी आम नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझे और तय अवधि के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करे।”

अपर समाहर्ता ने आरटीपीएस काउंटर की स्थिति भी देखी और आवेदन निस्तारण में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कर्मचारियों को कहा कि सभी सेवाएं पारदर्शी, सरल और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी सेवाओं का उद्देश्य जनता तक सुविधाएं बिना किसी परेशानी के पहुंचाना है, इसलिए प्रत्येक कर्मचारी को संवेदनशील और तत्पर होकर कार्य करना चाहिए।

निरीक्षण के दौरान कार्यालय पहुंचे आम नागरिकों की समस्याएं भी सुनी गईं। लोगों ने अपने आवेदन और शिकायतें अपर समाहर्ता के समक्ष रखीं, जिन पर उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि “अंचल कार्यालय जनता का पहला प्रशासनिक पड़ाव है। यहां कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।”

इस औचक निरीक्षण ने प्रशासनिक मशीनरी को स्पष्ट संदेश दिया कि लंबित मामलों और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई तय है। मौके पर अंचलाधिकारी (सीओ) नीलेश कुमार, राजस्व पदाधिकारी उद्धव मिश्रा सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे। अपर समाहर्ता ने सभी अधिकारियों को कार्यालय व्यवस्था सुधारने और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए निरीक्षण समाप्त किया।