अहियापुर ट्रिपल मर्डर, हास्यास्पद बनी सीओ की चिट्ठी, आरोपियों के बदले पीड़ित पर ही लगाया अतिक्रमण का आरोप

शनिवार को राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे है। पहले तो पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया था, लेकिन अब राजपुर सीओ द्वारा अकबरपुर पंचायत के राजस्वकर्मी से पूछा गया शो-कॉज भी हास्यापद बन गया है तथा इसे अपराधियों खासकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले रसूखदारों का मनोबल बढ़ाने वाला बताया जा रहा है।

अहियापुर ट्रिपल मर्डर, हास्यास्पद बनी सीओ की चिट्ठी, आरोपियों के बदले पीड़ित पर ही लगाया अतिक्रमण का आरोप

- सीओ ने नहर किनारे अवैध रूप से गिट्टी-बालू बेचने के लिए अकबरपुर पंचायत के राजस्वकर्मी से पूछा है स्पष्टीकरण, दूसरी तरफ सरकारी पोखरे की जमीन पर बने आरोपियों के मकान पर नहीं गया ध्यान

केटी न्यूज/राजपुर

शनिवार को राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे है। पहले तो पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया था, लेकिन अब राजपुर सीओ द्वारा अकबरपुर पंचायत के राजस्वकर्मी से पूछा गया शो-कॉज भी हास्यापद बन गया है तथा इसे अपराधियों खासकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले रसूखदारों का मनोबल बढ़ाने वाला बताया जा रहा है। 

राजपुर सीओ डॉ. शोभा कुमारी ने शनिवार को ही अकबरपुर पंचायत के राजस्वकर्मी श्याम कुमार को शो-कॉज जारी करते हुए पूछा है कि आप 19 जुलाई 2023 से ही इस पंचायत के राजस्वकर्मी है तथा इस पंचायत के अहियापुर गांव में नहर किनारे की जमीन पर अवैध रूप से गिट्टी बालू बेचा जा रहा है, इसकी जानकारी आपने कभी सीओ को नहीं दी है। सीओ ने अपने स्पष्टीकरण में इस बात का जिक्र भी किया है कि इसी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से गिट्टी बालू बेचने के विवाद में तीन लोगों की हत्या हो गई हैं। उन्होंने राजस्वकर्मी पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है। 

इस चिट्ठी के जारी होने के बाद पीड़ित परिजनों के अलावे ग्रामीणों ने भी इसे हास्यास्पद बताया और कहा कि इस चिट्ठी से तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वालों का मनोबल बढ़ेगा। सीओ को नहर किनारे गिट्टी बालू बेचे जाने की जानकारी मिल गई, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी क्यों नहीं मिली कि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी व पूर्व जिप चेयरमैन व उप चेयरमैन रह चुके मनोज यादव व संतोष यादव का मकान भी सरकारी पोखरे की जमीन को भरकर बनाया गया है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि सीओ को आरोपियों का मकान दिखाई नहीं दिया और नहर किनारे रखी गिट्टी दिखाई पड़ गई, जिससे सीओ की मानसिकता का पता चल रहा है। 

बता दें कि हाल के दिनों में राज्य सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना के तहत जलाशयों को अतिक्रमणमुक्त व जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। बावजूद सीओ ने पोखरे की जमीन पर बनी उनके मकान को नहीं पूर्व में नहीं तोड़वाया और अब हृदय विदारक घटना होने के बाद भी सीओ का ध्यान उक्त मकान के बदले गिट्टी बालू की दुकान तक ही गया।

दूसरी तरफ पुलिस के वरीय पदाधिकारियों द्वारा इस घटना के बाद सिर्फ चौकीदार को सस्पेंड किए जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि असली दोषी थानाध्यक्ष है, जो लगातार मनोज यादव व संतोष यादव को संरक्षण दे रहे थे, लेकिन उनपर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।