13वें दिन भी जारी रही एंबुलेंस चालकों की हड़ताल, बढ़ी मरीजों व परिजनों की परेशानी
चार माह के बकाया वेतन, एरियर व लंबित पीएफ भुगतान की मांग पर 7 अक्टूबर से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे एंबुलेंस चालकों का धरना प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। 102 एंबुलेंस चालक संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णादत्त मिश्र के नेतृत्व में पूरे दिन एंबुलेंस चालक सदर अस्पताल में सीएस के समझ धरना देते रहे।
- 7 अक्टूबर से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे है एंबुलेंस चालक, रेफर होने के बाद गरीब मरीजों को हॉयर सेंटर ले जाने में हो रही परेशानी
केटी न्यूज/बक्सर
चार माह के बकाया वेतन, एरियर व लंबित पीएफ भुगतान की मांग पर 7 अक्टूबर से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे एंबुलेंस चालकों का धरना प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। 102 एंबुलेंस चालक संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णादत्त मिश्र के नेतृत्व में पूरे दिन एंबुलेंस चालक सदर अस्पताल में सीएस के समझ धरना देते रहे। इस दौरान एंबुलेंस चालकों ने कहा कि जब तक उनके बकाये वेतन व पीएफ कटौती का पैसा खाता में नहीं आ जाता है, तबतक हड़ताल जारी रहेगा।
बत दें कि 102 एंबुलेंस चालकों के वेतन का भुगतान पिछले चार महीने से नहीं हुआ है। वही, उनके एरियर व पीएफ कटौती का भुगतान भी लंबित है। जिस कारण बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ इंटक की शाखा 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ बिहार के आह्वान पर जिले के डायल 102 के सभी 140 एंबुलेंस चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। जिसका स्वास्थ्य सुविधाओं पर व्यापक असर पड़ा है। पिछले 13 दिनों से मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चरमरा गई है स्वास्थ्य व्यवस्था
एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। खासकर वैसे गरीब मरीज जिन्हें सदर अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए हॉयर सेंटर रेफर किया जाता है, उन्हें पटना या वाराणसी के अस्पतालों में जाने के लिए काफी जद्दोजोहद करनी पड़ रही है। डायल 102 के हड़ताल पर जाने से निजी एंबुलेंस चालक या वाहन चालक मनमाना भाड़ा वसूल रहे है। जिससे अमीर वर्ग के मरीजों को भले ही कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा हो, लेकिन गरीब तबके के मरीजों के लिए एंबुलेंस चालकों की हड़ताल मुसीबत साबित हो रही है।
विधायक के पहल पर जारी हुआ आवंटन
हालांकि, डायल 102 के चालकों के हड़ताल के शीघ्र टूटने की उम्मीद बनी है। सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व मुख्य सचिव अमृत प्रत्यय से मुलाकात कर एंबुलेंस चालकों की मांगों को उनके समक्ष रख बकाए वेतन व एरियर का भुगतान अविलंब कराने की मांग की थी। जिसके बाद तत्काल राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा इस मद में छह करोड़ 19 लाख रूपए का आवंटन दिया गया है। लेकिन कार्य एजेंसी द्वारा अभी तक एंबुलेंस चालकों के खाते में उक्त राशि नहीं डाली गई है। जिससे रविवार को भी उनका हड़ताल जारी रहा। हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस चालक गुप्तेश्वर सिंह ने कहा कि जबतक खाते में राशि नहीं आ जाती तबतक हड़ताल जारी रहेगा। हालांकि, माना जा रहा है कि कंपनी एक-दो दिनों में एंबुलेंस चालकों के खाते में राशि ट्रांसफर कर देगी। जिसके बाद उनका हड़ताल खत्म हो जाएगा।
इमरजेंसी सेवाओं के लिए वरदान साबित होता डायल 102
बता दें कि डायल 102 टॉल फ्री नंबर है, जिस पर देश के किसी भी कोने से फोन कर एंबुलेंस सेवा ली जा सकती है। इमरजेंसी सेवाओं के दौरान यह नंबर लोगों के दिलों में रच बस सा गया है। कही भी दुर्घटना होने या किसी मरीज की हालत खराब होने पर लोग मरीज को सुरक्षित अस्पताल करने के लिए डायल 102 पर फोन कर एंबुलेंस की सेवाएं लेते है। लेकिन पिछले 13 दिनों से जिले के लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिस कारण लोगों को एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ रहा है तथा आर्थिक दोहन कराने को मजबूर हो रहे है।