शराब माफियाओं से सांटगांठ के आरोपी उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट, फरार

जिले के उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। गिरफ्तारी वारंट जारी होते ही उत्पाद अधीक्षक अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गए है।

शराब माफियाओं से सांटगांठ के आरोपी उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट, फरार

- एसपी मनीष कुमार ने कहा जांच में उत्पाद अधीक्षक पर लगे आरोपों की हुई है पुष्टि, होंगे गिरफ्तार

केटी न्यूज/बक्सर

जिले के उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। गिरफ्तारी वारंट जारी होते ही उत्पाद अधीक्षक अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गए है। पुलिस की एक टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

उनपर शराब कारोबारियों से सांट गांठ का आरोप लगा है तथा औद्योगिक थाने में कांड संख्या 132/24 दर्ज कराया गया था। जिसके अनुसार वे लंबे समय से शराब कारोबारियाे से मिलीभगत कर यूपी के सीमा से बिहार के बक्सर के रास्ते अलग-अलग जिलों में मोटी रकम लेकर शराब की सप्लाई कराते थे।

2016 से ही शराब कारोबारियो का उत्पाद अधीक्षक कर रहे थे मदद

21 जून 2024 को औद्योगिक थाने की पुलिस ने वीरकुंवर सिंह सेतु से यूपी के रास्ते बिहार के बक्सर की सीमा में प्रवेश करने के बाद एनएच 922 पर शराब लदी एक के बाद एक तीन गाड़ियां पकड़ी थी। सबसे पहले शराब से भरी एक स्कार्पियो पर पुलिस की नजर पड़ी, जिसके चालक से पूछताछ के आधार पर  शराब लदी एक इंडिका कार और एक होंडा सिटी कार को भी पुलिस ने जब्त कर अनुसंधान शुरू किया।

इस दौरान डुमरांव अनुमंडल के अमसारी गांव में हुए जहरीली शराब कांड के दो मुख्य आरोपी मुन्ना सिंह के साथ उसके एक और शागिर्द की संलिप्तता इस शराब की खेप को लाने में सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर 23 जून 2024 को थाने लाई। पुलिस पूछताछ में शराब कारोबारी मुन्ना सिंह ने

बताया कि उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से ही बक्सर यूपी के अलग-अलग बॉर्डर से शराब लदी वाहन को यूपी से बक्सर में लाने में सहयोग करते थे। जिसके एवज में एक मोटी रकम उनको देना होता था। उस समय उत्पाद विभाग में ही वह दारोगा के पोस्ट पर तैनात थे।

राजधनी पटना के बड़े शराब कारोबारी के मोबाइल से खुला कई राज

उक्त शराब कारोबारी के बयान के आधार पर अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने पटना के रहने वाले एक बड़े शराब कारोबारी मनीष उर्फ मरांडी को बक्सर से ही गिरफ्तार किया। जिसके मोबाइल नंबर से उत्पाद चेकपोस्ट पर तैनात उत्पाद विभाग के सिपाही शेषनाथ यादव को उन तीनों गाड़ियो की तस्वीर एवं नंबर शेयर किया गया था। जिसे उत्पाद विभाग की चेकपोस्ट से बिना जांच किये छोड़ दिया गया था।

लेकिन, चेकपोस्ट से आगे बढ़ते ही औद्योगिक थाने की पुलिस ने तीनों वाहनों को जब्त कर लिया था। उक्त सिपाही का फोन जब्त कर पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाया तो उत्पाद विभाग के ही एक और सिपाही रामाशंकर सिंह के साथ कुल 8 लोगों की मिलीभगत इस खेल में सामने आई। इसी दौरान गिरफ्तार लोगों के मोबाइल से उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक एवं कारोबारियों के बीच सांटगांठ के अलावे मोटी रकम के

लेनदेन करने का पुलिस को कई पुख्ता प्रमाण मिला है। जिसके बाद बक्सर एसपी मनीष कुमार ने सख्त तेवर दिखाते हए उत्पाद अधीक्षक के गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वे फरार हो गए है। पुलिस उनके कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।

क्या कहते है एसपी 

उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की शराब माफियाओं के साथ सांटगांठ थी। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है। उनके खिलाफ डिजीटल साक्ष्य भी है। दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। कानून तोड़ने वाला एक आम आदमी हो या दुर्दान्त अपराधी या बड़े अफसर सभी के लिए एक ही कानून है। - मनीष कुमार, एसपी, बक्सर