'बलिया कांड' को ऐसे सीक्रेट तरह से दिया अंजाम
बलिया का नरही थाना बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर ट्रकों से अवैध वसूली के रैकेट के भंडाफोड़ होने के साथ सुर्खियों में आ गया है।
केटी न्यूज़/बलिया
बलिया का नरही थाना बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर ट्रकों से अवैध वसूली के रैकेट के भंडाफोड़ होने के साथ सुर्खियों में आ गया है। हर ट्रक से 500 रुपये की वसूली के गणित के हिसाब से सालाना 18 से 20 करोड़ रुपये तक की काली कमाई यहां से होने की बात सामने आई है।वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभन कृष्ण खुद ही रात के अंधेरे में ट्रक पर खलासी बनकर सवार हुए और बॉर्डर पर हो रहे बंदरबांट को रंगे हाथों पकड़ लिया।दो पुलिसकर्मियों सहित कई दलाल पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वहीं जिले के एसपी और एएसपी को सस्पेंड कर दिया गया है।
आजमगढ़ रेंज वैभव कृष्ण पहचान बदलकर एक ट्रक में सवार हो गए। वे सादे कपड़े में टी-शर्ट और पैंट पहनकर खलासी बने और रात करीब 1.30 बजे ट्रक में बैठ गए और यूपी-बिहार सीमा पर भरौली नाके पर अपनी टीम के साथ पहुंचे। जब वहां मौजूद पुलिसवालों ने ट्रक को रोककर पैसे मांगे तभी एडीजी के साथ चल रही टीम ने पुलिसवालों और सभी दलालों को पकड़ लिया। अचानक हुई छापेमारी से हड़कंप मच गया। कई आरोपी मौके से फरार हो गए।
डीजीपी प्रशांत कुमार को शिकायत मिली थी कि बक्सर से गंगा पार कर आने वाले ट्रकों से अवैध वसूली की जा रही है।जनपद का सबसे 'मलाईदार थाना' कहे जाने वाले नरही में इस अभियान की तैयारी कई दिन पहले की गई थी।इसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। निचले स्तर पर अफसरों ने शिकायत को सही पाया। फिर एडीजी की अगुवाई में तैयारी शुरू की गई और 24 सदस्यीय पुलिस टीम ने छापा मारा था। यह पूरा ऑपरेशन सीक्रेट रहा और बलिया के एसपी तक को इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।
अफसरों को देखते ही थाने के 3 पुलिसकर्मी भाग निकले। वहीं, कोरंटडीह पुलिस चौकी पर सादे वेष में वसूली करने वाले 4 जवानों को टीम ने पकड़ा। इस मामले में आरक्षी नरही हरिदयाल सिंह और कोरंटडीह चौकी के आरक्षी सतीश को गिरफ्तार किया गया है। भरौली पुल पर अवैध वसूली मामले में पुलिस ने 23 लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें एसओ नरही, चौकी इंचार्ज कोरंटडीह, पांच सिपाही और 16 दलाल शामिल हैं। डीआईजी आजमगढ़ के पीआरओ सुशील कुमार ने नरही थाने में यह केस दर्ज कराया है।
एडीजी पीयूष और डीआईजी वैभव कृष्ण ने गुरुवार को छापेमारी के दौरान नरही थाने में घंटों बैठकर छानबीन की। कागजातों को खंगाला। इस दौरान उन्हें मोबाइल और अन्य सामानों के साथ-साथ एक नोटबुक भी मिला है। इसमें कुछ दिनों की वसूली का हिसाब-किताब दर्ज है। पुलिस अधिकारियों के खुलासे से अवैध वसूली के कारोबार का काला सच सामने आया है।