ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड : 10 साल बाद सीबीआई ने लोजपा नेता पूर्व एमएलसी हुलास पाण्डेय समेत आठ लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट की दायर
केटी न्यूज / आरा
दस साल बाद सीबीआई ने बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में लोजपा नेता हुलास पाण्डेय समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया है। शनिवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर कर दी गई है ।
सेशन जज-3 के कोर्ट में अभय पाण्डेय, नंद गोपाल पाण्डेय उर्फ फौजी, रीतेश कुमार उर्फ मोनू, अमितेश कुमार पाण्डेय उर्फ गुड्डू पाण्डेय, प्रिंस पाण्डेय, बालेश्वर पाण्डेय और मनोज राय उर्फ मनोज पाण्डेय को आरोपी बनाया है। सीबीआई के द्वारा दायर इस चार्जशीट में कोर्ट को बताया गया है कि हुलास पांडेय ने सात अन्य आपराधिक लोगों के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या को अंजाम देने की साजिश रची थी। हुलास पांडेय वर्तमान समय में लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
सीबीआई के द्वारा दर्ज की चार्जसीट में कोर्ट को बताया गया है कि आरोपी अपराधी प्लान के तहत आरा के कतिरा मोड़ पर 1 जून 2012 की सुबह 4 बजे जुटे पहुंच गए। वहीं ब्रह्मेश्वर मुखिया प्रतिदिन कि तरह सुबह टहलते हुए अपने आवास की गली के समीप पहुंचे, उसी दौरान मौजूद आरोपित अपराधियों करीब से छह गोलियां मार दी।
उस दौरान हुलास पांडेय समेत आठ लोगों के द्वारा गोलियां देसी पिस्तौल से चलाई गई। सीबीआई ने इस मामले की पूरी गहनता से जांच करने के बाद यह अनुपूरक चार्जशीट दायर की है। इसमें इन आठ आरोपियों को मुख्य रूप से अभियुक्त बनाया है।
रणवीर सेना के प्रमुख 70 वर्षीय ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के तकरीबन एक साल बाद 12 जुलाई 2013 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। उनकी हत्या से संबंधित एफआईआर आरा के नवादा थाने में दर्ज की गई थी, जिसकी एफआईआर संख्या 139/2012 है। सीबीआई की 10 वर्ष की लंबी और गहन जांच के बाद मुख्य आरोपितों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की है।