बस से शराब तस्करी का मामला: चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मालिक पप्पू सिंह गिरफ्तार

बस से शराब तस्करी का मामला: चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मालिक पप्पू सिंह गिरफ्तार

-कंडक्टर व गोदाम मालिक अभी भी फरार  

केटीन्यूज/बलिया

उदयपुरा गांव के पास से निजी बस की डिग्गी से पकड़ी गई अवैध अंग्रेजी शराब के मामले शहर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ बस मालिक व बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि कंडक्टर व अंग्रेजी शराब के गोदाम के मालिक फरार चल रहे हैं। बस से कुल 12 पेटी 144 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुई है।

आरोपियों में बस मालिक का नाम पप्पू सिंह निवासी गायत्री नगर थाना कोतवाली, बस चालक सोनू शर्मा निवासी अगरौली दोपही, कंडक्टर शोभन सिंह व गोदाम मालिक छितेश्वर जायसवाल है। शहर कोतवाली पुलिस ने उदयपुरा गांव के पास से शुक्रवार की दोपहर एक निजी बस की डिग्गी से भारी मात्रा में अवैध अंग्रेजी शराब बरामद किया था। बस को शुक्रवार को ही कोतवाली में लाकर जहां सीज कर दिया गया था। वहीं बस से कुल 12 पेटी 144 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुई है। कंडक्टर शोभन सिंह व गोदाम मालिक छितेश्वर जायसवाल है अभी भी फरार चल रहा है।    

टॉप बाक्स: 

लोकनायक जेपी तक भी नहीं बख्शे बलिया के शराब तस्कर  

- माकूल जवाब देने के बजाय कन्नी काट रहे कोतवाल 

- सूत्र का दावा, रसूखदारों के संरक्षण में हो रही तस्करी  

तिलक कुमार 

बलिया। बलिया पुलिस की कार्रवाई से भले ही शराब बरामद होने के साथ आरोपी पकड़े गए हो। लेकिन एक बात हैरत करने वाली यह है कि शराब तस्कर लोकनायक जेपी तक को भी नहीं बख्शे और उनके नाम का इस्तमाल अब शराब तस्करी में करने लगे हैं। दरअसल शहर कोतवाली पुलिस ने जिस बस की डिग्गी से अवैध अंग्रेजी शराब पकड़ी है। उस बस के आगे लोकनायक जयप्रकाश नारायण ट्रस्ट सेवा लिखा था। पुलिस इस विषय पर भले ही पर्दा डाल रही है, लेकिन सच्चाई तो यही है कि अब महान विभूती लोकनायक जेपी तक को भी शराब तस्कर नहीं बख्श रहे हैं। यदि इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो कल मंगल पांडेय, पड़सो चित्तू पांडेय के भी नाम का इस्तमाल शराब तस्कर कर सकते हैं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार की दोपहर जिस बस से शराब पकड़ी गई थी, पुलिसिया जांच में वह एक निजी बस है तथा उसके मालिक का नाम पप्पू सिंह है। लेकिन बस के आगे लोकनायक जयप्रकाश नारायण ट्रस्ट सेवा लिखा होने का क्या मतलब। इस पर शहर कोतवाल कुछ भी बताने से कन्नी काटते नजर आए। खैर बस यदि निजी है तो इस प्रकार ट्रस्ट सेवा क्यों लिखी गई है, परिवहन विभाग या फिर ट्रस्ट के कर्ता धर्ता इस पर कभी आपत्ति क्यों नहीं किए। उधर सूत्र के अनुसार इसमें भी बड़ा खेल है। रसूखदारों के संरक्षण में हो तस्करी का खेल चल रहा है। उधर घटना के बाद से प्रबुद्धजनों में आक्रोश है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस ने निजी बस में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ट्रस्ट सेवा लिखा होना को परिवहन विभाग, पुलिस विभाग व जिला प्रशासन सबका फेल्योर बताया।