अंचल कार्यालय में बवाल, युवाओं ने आरटीपीएस काउंटर पर भ्रष्टाचार का लगाए आरोप
डुमरांव अंचल कार्यालय बुधवार को रणभूमि में तब्दील हो गया, जब अचानक सैकड़ों लोग आरटीपीएस सेवाओं में धांधली और आर्थिक उगाही के आरोप लगाते हुए दफ्तर में घुस आए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि जाति, आवासीय, ईडब्ल्यूएस और एनसीएल प्रमाणपत्रों की सेवा अब कैश ऑन डिमांड सिस्टमष् में बदल गई है। जो पैसा दे, उसका आवेदन दो दिन में निपटा दिया जाता है और जो जेब ढीली न करे, उसका आवेदन महीनों तक पेंडिंग पड़ा रहता है।

-- जाति, आवासीय व ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों में भ्रष्टाचार के आरोप, सीओ ने दी जांच की चेतावनी
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव अंचल कार्यालय बुधवार को रणभूमि में तब्दील हो गया, जब अचानक सैकड़ों लोग आरटीपीएस सेवाओं में धांधली और आर्थिक उगाही के आरोप लगाते हुए दफ्तर में घुस आए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि जाति, आवासीय, ईडब्ल्यूएस और एनसीएल प्रमाणपत्रों की सेवा अब कैश ऑन डिमांड सिस्टमष् में बदल गई है। जो पैसा दे, उसका आवेदन दो दिन में निपटा दिया जाता है और जो जेब ढीली न करे, उसका आवेदन महीनों तक पेंडिंग पड़ा रहता है।
नेतृत्व कर रहे समाजसेवी हरेकृष्ण सिंह यादव ने कहा कि 21 दिन की निर्धारित अवधि सिर्फ कागजों में है। अगर कैश पर्ची जमा कर दीजिए तो प्रमाणपत्र 48 घंटे में आपके हाथ में होगा, वरना हफ्तों-दर-हफ्तों चक्कर लगाते रहिए। संचालन कर रहे युवा नेता दीपक यादव ने सीधा आरोप लगाया कि अंचल कार्यालय सेवा का नहीं, सुविधा शुल्क का अड्डा बन चुका है।
-- साइबर कैफे और कर्मियों की मिलीभगत
प्रदर्शनकारियों ने एक और बड़ा खुलासा किया। उनका कहना था कि अंचल कार्यालय के कर्मियों की कई साइबर कैफे संचालकों से मिलीभगत है। कैफे वाले मोटी रकम लेकर आवेदन सीधे कर्मियों तक पहुंचा देते हैं और 24-48 घंटे में प्रमाणपत्र निकलवा देते हैं। नतीजा यह कि गरीब छात्र और अभ्यर्थी, जो पैसा नहीं दे पाते, उनके आवेदन सिस्टम में हफ्तों तक अटके रहते हैं।
प्रदर्शन के दौरान कई युवाओं ने अपने आवेदन की कॉपियां सबके सामने दिखाई। इनमें साफ लिखा था कि दो दिन पहले किया गया आवेदन अप्रूव होकर तैयार है, जबकि पखवाड़े भर पुराने आवेदन का स्टेटस अब तक प्रोसेसिंग में अटका हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कार्यालय ने मजबूरियों को कारोबार बना डाला है। किसी गरीब का राशन कार्ड हो या छात्र का परीक्षा फॉर्म, सब कुछ इस “कैश ऑन डिमांड सिस्टम” पर निर्भर है।
-- सीओ कुमार दिनेश की सफाई
हंगामे के बीच प्रभारी अंचलाधिकारी कुमार दिनेश खुद आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे और सभी को अपने कक्ष में बुलाकर एक-एक कर शिकायतें सुनीं। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरे प्रभार में यह पहली बार ऐसी शिकायत सामने आई है। फिर भी जांच होगी। अगर किसी कर्मी की संलिप्तता पाई गई, तो तत्काल कार्रवाई होगी।
सीओ ने आरटीपीएस काउंटर पर तैनात तीनों कर्मियों को मौके पर बुलाकर फटकार लगाई। उन्होंने दो टूक कहा कि पारदर्शिता जिला प्रशासन का पहला उद्देश्य है और भ्रष्टाचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर संजय यादव, संजीव यादव, सुनील कुमार, धर्मेंद्र यादव, निर्मल यादव, उपेंद्र यादव, संजय कुमार, मंजय यादव, बबलू यादव, सोनू कुमार, कृष्णा कुमार, धर्मेंद्र कुमार, छोटका यादव, अमित शर्मा, जीउत यादव, बीडीसी नंदन गांव के हरेंद्र यादव, विकास कुमार, अभिषेक रंजन, पिंटू कुमार, मंजीत कुमार, घूरूल कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
बयान
मेरे प्रभार में पहली बार ऐसा मामला आया है। आरटीपीएस सेवाओं के लिए वैकल्पिक तकनीकी व्यवस्था की गई है। जांच होगी और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। -कुमार दिनेश, प्रभारी अंचलाधिकारी, डुमरांव