जून तक पूरा करें जलशोध संयत्र का निर्माण कार्य - डीएम

जून तक पूरा करें जलशोध संयत्र का निर्माण कार्य - डीएम

डीएम ने किया केशोपुर जलशोध संयत्र व कोईलवर तटबंध का निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

- 168 करोड़ की लागत से 51 गांवों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर डीएम अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को सिमरी प्रखंड के केशोपुर स्थित निर्माणाधीन जलशोध संयत्र तथा कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ बक्सर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र व डुमरांव एसडीओ कुमार पंकज भी थे। डीएम सबसे पहले केशोपुर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने जल शोध संयत्र के निर्माण की जानकारी ली और कार्यपालक अभियंता समेत अन्य अधिकारियों से निर्धारित समय तक काम पूरा करने, गुणवत्ता का ख्याल रखने तथा संयत्र के बाहर एक शीला पट्ट लगा उस पर इस जलशोध संयत्र में तैयार होने वाले पेयजल की खासियत को अंकित करने का भी निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि हर हाल में निर्धारित समय जून 2023 में इसका निर्माण कार्य पूरा होना चाहिए। इसके बाद वे कोईलवर तटबंध का निरीक्षण करने चले गए।

बरसात पूर्व तटबंध मरम्मत कराने का दिया निर्देश

कोईलवर तटबंध के निरीक्षण के दौरान डीएम ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को हर हाल में बरसात के पूर्व इस तटबंध का मरम्मत कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि तटबंध में जहां मिट्टी कटाव हुआ है वहा मिट्टी का भराव कर उसे मजबूत करे। इसके अलावे उन्होंन प्लास्टिक की बोरियों में रेत भर उसे तटबंध के किनारे डालने का निर्देश भी दिया। बता दें कि गंगा मंे जब बाढ़ आती है तो इस तटबंध के कारण ही जान माल की सुरक्षा होती है। जिस कारण बांध के मरम्मत का काम बरसात पूर्व किया जाता है।

168 करोड़ की लागत से 51 गांवों को मिलेगी आर्सेनिक युक्त पानी से छुटकारा  

बता दें कि केशोपुर में जलशोध संयत्र का निर्माण कार्य वर्ष 2009 में शुरू हुआ था। इसके तहत 168 करोड़ की लागत से 51 गांवों को आर्सेनिक युक्त पानी पीने से छुटकारा दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस जलशोध संयत्र का निर्माण कार्य वर्षों पहले ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कभी बाढ़ तो कभी कोरोना की वजह से निर्माण में विलंब हुआ है। अब जून में इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्धारित समय नजदीक आने के बाद जिला प्रशासन निर्माण कार्यों व गुणत्ता को परख रहा है। बता दें कि दियारा क्षेत्र के भूमिगत जल में आर्सेनिक की समस्या गंभीर हो गई है। जिस कारण लोगों को चर्म रोग, पेट संबंधित बीमारियां यहां तक की कैंसर जैसा लाइलाज मर्ज भी हो रहा है। इससे निजात दिलाने के लिए ही केन्द्र सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई। जिसके तहत गंगा जल को प्यूरीफाई कर शुद्ध पेयजल बना उसकील आपूर्ति पाइप के माध्यम से प्रखंड के विभिन्न गांवों में करना है। ताकी लोगों को आर्सेनिक का मीठा जहर पीने से मुक्ति मिल जाए।

तीन चरणों में पूरा हो रहा है काम

इस संबंध में लोक स्वास्थ प्रमंडल बक्सर के कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने बताया कि इसका काम तीन फेजों में पूरा किया जा रहा है। पहले फेज में गंगा के पानी का जलशोध संयत्र तक पहुंचाना, दूसरे फेज में इस पानी को ट्रिटमेंट कर पीने योग्य बनाना तथा तीसरे फेज में पाइप बिछा लोगों तक शुद्ध पेयजल मुहैया कराना था। जो अब लगभग पूरा हो चला है। पाइप बिछाने का काम अंतिम चरण में है। उन्हांेने बताया कि इस योजना से सिमरी प्रखंड के सभी 20 पंचायतों के 51 गांव व 37330 घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस जलशोध संयत्र से पूरे प्रखंड में जलापूर्ति के लिए चार रूट निर्धारित किए गए है। संयत्र के पास मास्टर जलमीनार बनया गया है। जबकि क्षेत्र के 13 जलमीनारों को इससे जोड़ा गया है। जिसके सहारे आपूर्ति दी जाएगी। इस जलशोध संयत्र के जल्दी शुरू होने की उम्मीद से प्रखंडवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।