डुमरांव में फर्जी शिक्षिका की बढ़ी मुश्किलें, एफआईआर दर्ज कर होगी वेतन की रिकवरी
दूसरे के प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाली डुमरांव प्रखंड के मध्य विद्यालय नेनुआ की फर्जी शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज कर वेतन रिकवरी किया जाएगा, वही उसे बचाने तथा उक्त मामले में स्पष्टीकरण का सही जबाव नहीं देने प्रधानाध्यापक को विभाग ने निलंबित कर दिया है। जिला प्रशासन तथा विभाग की इस कार्रवाई से दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
- शिक्षिका को बचाने के आरोप में निलंबित हुए मध्य विद्यालय नेनुआ के प्रधानाध्यापक
- इटाढ़ी की प्रियंका के प्रमाण पत्र पर फर्जी शिक्षिका बन बैठी थी रोहतास की बेबी
केटी न्यूज/बक्सर
दूसरे के प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाली डुमरांव प्रखंड के मध्य विद्यालय नेनुआ की फर्जी शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज कर वेतन रिकवरी किया जाएगा, वही उसे बचाने तथा उक्त मामले में स्पष्टीकरण का सही जबाव नहीं देने प्रधानाध्यापक को विभाग ने निलंबित कर दिया है। जिला प्रशासन तथा विभाग की इस कार्रवाई से दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि इटाढ़ी थाना क्षेत्र के मलिकौन्धा गांव निवासी प्रियंका कुमारी वर्तमान में महाराजगंज, सीवान में पुलिस अवर निरीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं। पूर्व में उन्होंने शिक्षक नियोजन में काउंसलिंग कराने के लिए डुमरांव प्रखंड नियोजन इकाई में अपना मूल अंक पत्र, बीएड एवं बिटीईटी का अंक पत्र नियोजन इकाई के कार्यालय में जमा की थी, इसी बीच उसका चयन बिहार दारोगा में हो गया। जिसके बाद वह शिक्षक की नौकरी के बदले दारोगा की नौकरी को वरीयता दी, लेकिन महाराजगंज में योगदान के बाद उससे उसका मूल प्रमाण पत्र मांगा गया। जिसके बाद प्रियंका अपने मूल प्रमाण पत्र के लिए कई बार नियोजन इकाई चक्कर लगा थक गई, लेकिन उसका मूल प्रमाण पत्र नहीं मिला।
थक हारकर वह जिला शिक्षा पदाधिकारी से गुहार लगाई। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामलें की जांच के लिए त्रि-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। जांच समिति ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो फर्जीवाड़े का मामला परत दर परत खुलता चला गया। पता चला कि प्रियंका कुमारी के मूल अंक पत्र एवं अन्य अभिलेखों के आधार पर किसी अन्य शिक्षिका बेबी देवी का नियोजन मध्य विद्यालय नेनुआं में किया गया है।
प्रधानाध्यापक ने नहीं दिया संतोषजनक जबाव, हुए निलंबित
उक्त मामलें की जानकारी मिलने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग ने फर्जी प्रियंका के बारे में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक ईश्वरानंद विश्वकर्मा से जानकारी लेनी चाही तो वे आनाकानी करने लगे। इस संबंध में विभाग द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का संतोषजनक जबाव भी नहीं दे सकें। विभाग ने इसे गंभीर लापवाही तथा उनकी भूमिका को संदिग्ध माना तथा जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय चौसा रहेगा तथा उन्हें सिर्फ जीवन निर्वहन भत्ता का नियमानुकूल भुगतान किया जायेगा।
एफआईआर दर्ज कर होगी वेतन की रिकवरी
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने डुमरांव प्रखंड विकास पदाधिकारी संदीप कुमार पांडेय को इटाढ़ी की प्रियंका के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली रोहतास जिले के दिनारा थाना क्षेत्र के पांेगाढ़ी गांव निवासी बेबी देवी, पति जितेन्द्र कुमार सिंह के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए नियमानुकूल वेतनादि मद में भुगतान की गयी कुल राशि 4 लाख 93 हजार आठ रूपये की रिकवरी करने का निर्देश दिया गया है।
इस निर्देश के बाद फर्जी तरीके से प्रियंका बन बैठी बेबी की मुश्किलें बढ़ गई है। वही इस मामले के उजागर होने के बाद से दूसरे के नाम पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। जानकारों का कहना है कि विभाग में अभी भी कई ऐसे शिक्षक है, जो दूसरे के नाम पर नौकरी कर विभाग को मोटी रकम का चुना लगा रहे है। हद तो यह है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर फर्जी शिक्षकों की जांच करने वाली निगरानी विभाग भी ऐसे शिक्षकों को नहीं पकड़ पाई है, जो दूसरे के नाम पर वर्षों से नौकरी कर रहे है।