फैमिली आईडी कार्ड से सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ, बलिया में 1.05 लाख का लक्ष्य
बलिया। एक परिवार-एक पहचान (फैमिली आईडी कार्ड) योजना के तहत प्रदेश में हर परिवार का लाइव डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
केटी न्यूज़/ बलिया
बलिया। एक परिवार-एक पहचान (फैमिली आईडी कार्ड) योजना के तहत प्रदेश में हर परिवार का लाइव डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ परिवारों को मिलेगा। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि हर परिवार के पास फैमिली आईडी कार्ड होना अनिवार्य है। यह कार्ड सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का माध्यम बनेगा और ईज ऑफ लिविंग और गुड गवर्नेंस का मुख्य आधार होगा।
अब तक केंद्र और राज्य सरकार की 76 से अधिक योजनाओं और सेवाओं को फैमिली आईडी से जोड़ा जा चुका है। शेष बची योजनाओं को भी जल्द ही इस प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इस कार्ड के माध्यम से उन गरीब और वंचित परिवारों तक सीधा लाभ पहुंचाया जाएगा, जो अभी तक किसी कारण से योजनाओं से वंचित हैं।
फैमिली आईडी कार्ड की विशेषताएं
- यह कार्ड 12 अंकों का होगा, जिसमें पूरे परिवार का विवरण दर्ज होगा।
- इसके जरिए पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना आसान होगा।
- परिवार के हर सदस्य का विवरण और उनकी योजनाओं से जुड़ी पात्रता इस आईडी में समाहित होगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया
1. परिवार का पंजीकरण [familyid.up.gov.in](http://familyid.up.gov.in) पोर्टल पर करना होगा।
2. आवेदन के लिए आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर आवश्यक है, ताकि ओटीपी सत्यापन किया जा सके।
3. आवेदक का आधार नंबर और परिवार के अन्य सदस्यों का विवरण भरकर पंजीकरण पूरा करना होगा।
जिला प्रशासन ने फैमिली आईडी कार्ड बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य शुरू कर दिया है।
- ब्लॉक, तहसील और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
- ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें प्राथमिकता देकर पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- सभी बीडीओ और पंचायत सचिवों को लक्ष्य देकर कार्य की **दैनिक मॉनिटरिंग** की जा रही है।
पात्र लाभार्थियों जैसे दिव्यांगजन, विधवा, वृद्धावस्था पेंशन धारक, और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता से लाभान्वित किया जा रहा है।
जिले में कुल 105999 फैमिली आईडी कार्ड** बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 2010 कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। सभी आवेदकों का समयबद्ध सत्यापन कराया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जा सके। यह योजना सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और गरीबों के जीवन को सरल बनाने के लिए क्रांतिकारी कदम है।