एक करोड़ से अधिक राशि का विचलन, डुमरांव विधायक ने स्थापना डीपीओ पर बोला हमला, सजा की मांग
बक्सर शिक्षा विभाग में एक और बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) विष्णुकांत राय पर सरकारी राशि के विचलन का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप तिलक राय के हाता गांव निवासी आजाद गिरी ने जिलाधिकारी व शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को लिखे पत्र में लगाए हैं। गिरी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में जीर्णाेद्धार, शौचालय मरम्मत और अतिरिक्त वर्गकक्ष निर्माण जैसे कार्यों के नाम पर संवेदकों को मिलने वाली राशि को नियम विरुद्ध उनके सरकारी खाते में पार्क कर दिया गया।

-- फर्स्ट आइडिया मामले के बाद अब नया आरोप, विधायक बोले सरकार भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण दे रही है
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर शिक्षा विभाग में एक और बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) विष्णुकांत राय पर सरकारी राशि के विचलन का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप तिलक राय के हाता गांव निवासी आजाद गिरी ने जिलाधिकारी व शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को लिखे पत्र में लगाए हैं। गिरी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में जीर्णाेद्धार, शौचालय मरम्मत और अतिरिक्त वर्गकक्ष निर्माण जैसे कार्यों के नाम पर संवेदकों को मिलने वाली राशि को नियम विरुद्ध उनके सरकारी खाते में पार्क कर दिया गया।
इस मामले में अब राजनीति भी गरमा गई है। डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने इस पूरे प्रकरण को “राज्य सरकार की मिलीभगत से चल रहा संगठित भ्रष्टाचार” करार देते हुए डीपीओ (स्थापना) पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने केटी न्यूज से बात करते हुए कहा कि जीर्णाेद्धार, शौचालय मरम्मत और अन्य कार्यों की राशि को संवेदकों के खाते में भेजने की जगह सरकारी खाते में पार्क करना सीधे-सीधे भ्रष्टाचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक करोड़ रुपए से अधिक का यह विचलन मजदूरों और संवेदकों के हक पर डाका है।
विधायक ने कहा कि स्थापना डीपीओ विष्णुकांत राय पर पहले भी तथाकथित माफियाओं अजय सिंह व अरविंद सिंह से मिलीभगत के आरोप लग चुके हैं। जांच लंबित रहने के बावजूद इन्होंने दोषपूर्ण एजेंसी फर्स्ट आइडिया को 40 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया। विधायक ने कहा कि इसे मैने दिशा की बैठक में उठाया था, बावजूद जिलाधिकारी द्वारा अभी तक कार्रवाई नहीं किया गया है। जिससे यह साफ है कि ऐसे अफसरों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है और न ही तबादले के बाद विभाग इन्हें यहां से हटा रहा है। यह सरकारी धन का खुला बंदरबांट है।
-- आंदोलन की चेतावनी
विधायक ने साफ शब्दों में कहा कि अगर दोषी अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो वे मजदूरों और संवेदकों के साथ सड़क पर उतर आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि गरीब मजदूरों का हक मारा जा रहा है, संवेदकों का भुगतान रोककर मनमानी की जा रही है। जबकि चहेते संवेदकों व एजेंसियों को माफियाओं के सह पर भुगतान कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। बक्सर की जनता को न्याय दिलाकर रहेंगे। विधायक ने कहा कि माले के रहते मजदूरों की हकमारी नहीं होने दी जाएगी।
-- विभागीय लापरवाही पर सवाल
बता दें कि स्थापना डीपीओ पर आरोप है कि सिर्फ 24 मार्च 2024 को ही 42 कार्यों से जुड़ी 1 करोड़ 8 लाख 21 हजार रुपए से अधिक की राशि को संवेदकों के खाते में “पेड एंड कैंसिल्ड” दिखाया गया, जबकि वास्तविकता में पैसा सीधे डीपीओ के सरकारी खाते में डाल दिया गया। महालेखाकार पटना और शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि राशि का दोहरीकरण या विचलन नहीं होना चाहिए, बावजूद इसके नियमों की अनदेखी की गई।
-- पहले भी विवादों में रहे हैं विष्णुकांत राय
यह पहला मौका नहीं है जब विष्णुकांत राय विवादों में आए हों। उन पर पहले भी तथाकथित शिक्षा माफिया अजय सिंह को लाभ पहुंचाने और जांच लंबित रहते हुए हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया को भुगतान कराने का आरोप लग चुका है। इतना ही नहीं, उनकी शिक्षिका पत्नी का निलंबन हटते ही बिना फेस ऐप के हाजिरी की जांच किए समस्त बकाए का भुगतान कर दिया गया, जबकि इसी तरह के अन्य मामलों में फाइलें महीनों तक अटकी रहती हैं।
-- अफसरशाही हावी, माफिया मालामाल
विधायक डॉ. सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग में लगातार हो रहे घोटाले, नियमों को दरकिनार करने तथा मनमाने कार्यों से इस बात का प्रमाण हैं कि बिहार सरकार की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में अफसरशाही पूरी तरह हावी है। सरकारी धन का दुरुपयोग कर माफिया मालामाल हो रहे हैं और गरीब जनता को उसका हक नहीं मिल पा रहा। विधायक ने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग में ऐसे भ्रष्टाचार का होना बेहद शर्मनाक है।
-- कार्रवाई की मांग और जनता की नाराजगी
दूसरी तरफ आजाद गिरी और स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और यह देखा जाए कि कितनी राशि अब तक अटकी हुई है और किसे लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध तरीके से पैसा पार्क किया गया।
जनता का कहना है कि अगर शिक्षा विभाग जैसे अहम विभाग में बार-बार भ्रष्टाचार उजागर होता रहेगा और प्रशासन चुप्पी साधे रहेगा तो इसका खामियाजा बच्चों और विद्यालयों को भुगतना पड़ेगा।
-- अब निगाहें डीएम पर
आरोप और बयानबाजी के बीच अब पूरा बक्सर जिला इस बात पर निगाहें गड़ाए बैठा है कि जिलाधिकारी इस गंभीर मामले पर क्या कदम उठाते हैं। सवाल यह है कि क्या विष्णुकांत राय पर विभागीय जांच बैठाई जाएगी या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
हालांकि, डुमरांव विधायक के तेवर दिखाने के बाद अब इतना तो साफ हो गया है कि इस मामले को जिला प्रशासन आसानी से नहीं दबा पाएगा।