सिमरी में डीएम ने केशोपुर जलापूर्ति योजना का किया निरीक्षण

सिमरी प्रखंड के केशोपुर बहुग्रामीय जलापूर्ति योजना का जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने शनिवार को विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जलापूर्ति से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं, टंकी संचालन व्यवस्था, पाइपलाइन नेटवर्क तथा जल गुणवत्ता की जानकारी ली। डीएम ने स्थल पर मौजूद विभागीय अधिकारियों से कहा कि पेयजल आमजन की बुनियादी आवश्यकता है, इसलिए किसी भी स्थिति में जलापूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।

सिमरी में डीएम ने केशोपुर जलापूर्ति योजना का किया निरीक्षण

केटी न्यूज/सिमरी 

सिमरी प्रखंड के केशोपुर बहुग्रामीय जलापूर्ति योजना का जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने शनिवार को विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जलापूर्ति से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं, टंकी संचालन व्यवस्था, पाइपलाइन नेटवर्क तथा जल गुणवत्ता की जानकारी ली। डीएम ने स्थल पर मौजूद विभागीय अधिकारियों से कहा कि पेयजल आमजन की बुनियादी आवश्यकता है, इसलिए किसी भी स्थिति में जलापूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल बक्सर को स्पष्ट निर्देश दिया कि सिमरी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सभी वार्डों में जलापूर्ति की स्थिति का साप्ताहिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर जलापूर्ति में आ रही हर समस्या का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त पानी निर्बाध रूप से उपलब्ध हो सके।

डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक 15 दिनों पर सिमरी प्रखंड के जनप्रतिनिधियों, मुखिया, वार्ड सदस्य एवं पंचायत समिति सदस्यों, के साथ बैठक कर वास्तविक फीडबैक प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर मिलने वाली जानकारी ही योजनाओं के प्रभावी संचालन का आधार होती है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की शिकायतें, सुझाव और फीडबैक को प्राथमिकता देते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यदि कहीं भी जलापूर्ति में बाधा, पाइपलाइन लीकेज, मोटर खराबी, या किसी वार्ड में अनियमित सप्लाई की शिकायत मिलती है, तो संबंधित पदाधिकारी उस त्रुटि का तत्काल निष्पादन कराएं। उन्होंने लोक स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि सिमरी के ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए।निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने डीएम के निर्देशों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि इससे जलापूर्ति व्यवस्था और अधिक मजबूत एवं संतुलित होगी।