आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से बढ़ेगा उत्पादन - जिला कृषि पदाधिकारी

कृषि की आधुनिक तकनीक तथा उपकरणों के उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण देने के लिए किसानों को एक जत्था को यूपी के प्रयाग राज रवाना किया गया है। जहां, किसानों को चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से बढ़ेगा उत्पादन - जिला कृषि पदाधिकारी

- आत्मा द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

केटी न्यूज/बक्सर 

कृषि की आधुनिक तकनीक तथा उपकरणों के उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण देने के लिए किसानों को एक जत्था को यूपी के प्रयाग राज रवाना किया गया है। जहां, किसानों को चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा), बक्सर द्वारा रविवार की देर रात्रि संयुक्त कृषि भवन, बक्सर से किसानों के जत्था को प्रयागराज (उतरप्रदेश) रवाना किया गया। इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि दो सितंबर से पांच सितंबर तक आत्मा द्वारा कृषि यंत्रों का रख-रखाव एवं मरम्मति विषय पर सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज में आवसीय प्रशिक्षण आयोजित है। आगे उन्होंने बताया कि नई एवं उन्नत तकनीक से ही पैदावार में आशातीत बढ़ोतरी होगी। पहले जहॉं पशुओं के सहारे खेती-बाड़ी होती थी, वहीं अब हरित क्रांति के दौर में आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग कर कम समय में अधिक उत्पादन हासिल किया जा रहा है।

कृषि यंत्रों के रखरखाव व मरम्मत पर दी जाएगी जानकारी

चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मुख्य रुप से कृषि यंत्रों का रखरखाव एवं मरम्मति पर विशेष रुप से प्रशिक्षित किया जायेगा। सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज के वैज्ञानिक मनीष केसरवानी ने बताया कि किसान यंत्रों की सहायता से कम समय में खेतों की जुताई से लेकर कटाई तक कार्य करते हैं। इस परिस्थिति में किसानों के लिए कृषि यंत्रों का रखरखाव एवं मरम्मति प्रशिक्षण मिल का पत्थर साबित होगा। खेती में मुख्यतः भूमि समतलीकरण, जुताई, बुवाई, फसल सुरक्षा, कटाई, गहाई इत्यादि में यंत्रों का परिचालन किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान मानवचालित एवं इलेक्ट्रीक थ्रेसर, कम्बाईन, ट्रैक्टर, बैटरी एवं मानव चालित स्प्रेयर, डिस्क हैरो, मोल्ड बोल्ड प्लाऊ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, लेजर लैंड लेवलर, जीरो टिलेज मशीन, रीपर कम बाईन्डर, स्वचालित रीपर, हसिया, सीड कम फर्टिलाईजर ड्रील, स्वचालित पोटैटो डीगर इत्यादि यंत्रों पर जानकारी दी जायेगी। इसके अलावे इस संस्थान में अत्याधुनिक यंत्र का निर्माण किया गया है, इसकी भी जानकारी किसानों के बीच साझा की जायेगी। संस्थान में उपरोक्त कृषि यंत्रों का लाईव डेमो भी दिखाया जायेगा। लाईव डेमो के दौरान कृषि यंत्रों के मरम्मति के प्रत्येक पहलू पर किसानों को जानकारी दिया जायेगा।  

करके सीखो देखकर सीखो 

आत्मा संस्थान की उप परियोजना निदेशक बेबी कुमारी ने बताया कि ‘‘करके सीखो देखकर सीखो’’ पद्धति से किसानों का क्षमता अभिवर्द्धन होगा। आगे उन्होंने कहा कि सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज से कृषि यंत्रों का रखररखाव एवं मरम्मति की जानकारी हासिल कर प्रशिक्षित किसान अपने आस-पास के किसानों को भी प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे। किसानों की सुविधा के लिए टीम लीडर के रुप में सहायक तकनीकी प्रबंधक प्रफुल्ल कुमार एवं लेखापाल अमित कुमार को नामित किया गया है। जत्थे का समन्वय आत्माकर्मी रघुकुल तिलक एवं चन्दन कुमार सिंह द्वारा किया गया। मौके पर बीटीएम विकास कुमार राय, आत्माकर्मी त्रिपुरारीशरण सिन्हा, दीपक कुमार सहित प्रगतिशील कृषक मनीष कुमार चौबे, आतीष कुमार चौबे, पिंकू कुमार चौबे, बबुआ राम, नागेन्द्र प्रसाद गोंड, भगवान दास माली, विद्याशंकर यादव, मदन गोप, डब्लू महतो, त्रिलोकी नाथ राम, कमलेश पाण्डेय सहित अन्य कृषक मौजूद थे।