कृषि कॉलेज में बवाल के दौरान छात्रों ने लाखों की संपति को पहुंचाया नुकसान, एफआईआर दर्ज
डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में शनिवार को प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने भारी बवाल मचाया था। इस दौरान प्राचार्य कक्ष में लगे फर्नीचर के अलावे सीसीटीवी कैमरा, एलईडी, कैमरा सेट आदि तोड़ दिया गया था।
- विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देश पर संपदा एवं सुरक्षा पदाधिकारी ने अज्ञात छात्रों पर दर्ज कराया है मामला, जांच में जुटी पुलिस
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में शनिवार को प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने भारी बवाल मचाया था। इस दौरान प्राचार्य कक्ष में लगे फर्नीचर के अलावे सीसीटीवी कैमरा, एलईडी, कैमरा सेट आदि तोड़ दिया गया था। इस मामले में बिहार कृषि विश्व विद्यालय प्रशासन के निर्देश पर कॉलेज के संपदा एवं सुरक्षा पदाधिकारी कमल कांत ने डुमरांव थाने में अज्ञात छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।
पुलिस को दिए आवेदन में उन्होंने जिक्र्र किया है कि शनिवार को छात्रों ने कॉलेज में जमकर हंगामा किया था। इस दौरान प्राचार्य कक्ष में लगे मेज, सोफा, कुर्सी, टेबल, सीसीटीवी कैमरा, उसका सेट, एलईडी समेत लाखों की संपति को तोड़-फोड़ दिया है। उनके आवेदन पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रववाई में जुट गई है। डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। पुलिस प्राचार्य कक्ष में तोड़-फोड़ करने व उपद्रव मचाने वाले छात्रों की शिनाख्त में जुट गई है।
पूर्व प्राचार्य ने गहरी साजिश के लगाए है आरोप
दूसरी तरफ इस्तीफा देने के बाद तत्कालीन प्राचार्य मुकेश कुमार ने छात्रों के प्रदर्शन व बवाल को गहरी साजिश बताया है तथा कहा है कि इसमें कॉलेज के एक प्रोफेसर समेत दो कर्मी पर्दे के पीछे से छात्रों को गाइड कर रहे थे। कॉलेज प्रबंधन द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर से भी इस बात के संकेत मिल रहे है। बता दें कि छात्रों के बवाल के कई वीडियो भी वायरल हुए है। बावजूद कॉलेज प्रबंधन ने एफआईआर में किसी छात्र के नाम का जिक्र नहीं किया है। जाहिर है, प्रबंधन इस बहाने उपद्रवी छात्रों को बचाने का प्रयास कर रहा है। गौरतलब हो कि वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है, जहां पढ़ने वाले छात्र कठिन प्रवेश परीक्षा पास कर ही नामांकन के हकदार होते है। यहां छात्रों की संख्या भी सामान्य कॉलेजों के मुकाबले कम होती है। वही, कॉलेज में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है, प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने ही विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी भी दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि एफआईआर दर्ज कराने वाले अपने ही कॉलेज के छात्रों की पहचान कैसे नहीं कर सकें। ऐसे में तत्कालीन प्राचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों से इंकार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल, अब सबकी निगाहें पुलिस की जांच पर टिक गई है। देखना है पुलिस जांच के दौरान कितने छात्रों को तोड़-फोड़ के आरोप में चिन्हित कर पाती है। वही, व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के छात्रों के उपद्रवी रूख पर भी कई तरह की चर्चाएं हो रही है।