निर्वाचन तैयारी की हुई समीक्षा, सेक्टर पदाधिकारियों को दिए कई अहम निर्देश

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन ने तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी है। इसी क्रम में शनिवार को निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता शशि भूषण की अध्यक्षता में सेक्टर पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में चुनाव के दौरान सुचारु मतदान प्रक्रिया और विधि-व्यवस्था संधारण को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए।

निर्वाचन तैयारी की हुई समीक्षा, सेक्टर पदाधिकारियों को दिए कई अहम निर्देश

-- मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन, रूट चार्ट और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान पर जोर

केटी न्यूज/बक्सर

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन ने तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी है। इसी क्रम में शनिवार को निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता शशि भूषण की अध्यक्षता में सेक्टर पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में चुनाव के दौरान सुचारु मतदान प्रक्रिया और विधि-व्यवस्था संधारण को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए।

बैठक में सभी सेक्टर पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही मतदान केन्द्रों के आसपास वैकल्पिक मार्गों की पहचान करने की बात भी कही गई ताकि आपात स्थिति में सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके।

-- रूट चार्ट और विधि-व्यवस्था पर नजर

निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने पदाधिकारियों से कहा कि प्रत्येक मतदान केन्द्र का रूट चार्ट तैयार किया जाए। इसके साथ ही मतदान केन्द्र के आसपास विधि-व्यवस्था की स्थिति का अवलोकन कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। चुनाव के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी मतदान केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और बैठने की सुविधा सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। विशेष रूप से दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैम्प की अनिवार्य व्यवस्था करने पर बल दिया गया।

-- संवेदनशील और सुभेद्य स्थलों की पहचान

चुनाव के दौरान सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। इसको ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सामाजिक दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थलों की पहचान करें। विशेषकर वे क्षेत्र जहाँ साम्प्रदायिक तनाव की संभावना हो सकती है, उनका बारीकी से मूल्यांकन कर शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। समीक्षा बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रत्येक मतदान केन्द्र से जुड़े कम से कम पांच स्थानीय व्यक्तियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए। इससे समय-समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा।

इसके अतिरिक्त स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जीविका समूहों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों की जानकारी का डाटाबेस तैयार करने पर भी जोर दिया गया। बैठक में दिए गए इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रक्रिया न केवल निष्पक्ष और पारदर्शी रहे, बल्कि मतदाताओं को सुविधा और सुरक्षा का भरोसा भी मिले।