असंतुलित आहार और प्रदूषित पानी के सेवन से हो रही है किडनी की बीमारी - ब्रजेश कुमार पांडेय
वर्ल्ड किडनी डे पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में डायलिसिस की सेवा देने वाली अपोलो डायलिसिस संस्थान ने इस मौके पर किडनी रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया।

- वर्ल्ड किडनी डे पर सदर अस्पताल में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम
- बोले विशेषज्ञ, किडनी समस्या पर बगैर चिकित्सकीय सलाह के नहीं करें दवा का सेवन
केटी न्यूज/बक्सर
वर्ल्ड किडनी डे पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में डायलिसिस की सेवा देने वाली अपोलो डायलिसिस संस्थान ने इस मौके पर किडनी रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के इंचार्ज ब्रजेश कुमार पांडेय ने किया। आयोजन में किडनी मरीजों के साथ उनके परिजन, अस्पताल कर्मी, मेडिकल ऑफिसर सहित दर्जनों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में लोगों को किडनी रोग, इसके कारण, लक्षण और इससे बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। वहीं लोगों से बगैर चिकित्सक से सलाह लिए किसी भी तरह की दवा का सेवन न करने को कहा गया। कार्यक्रम में प्रभावित किडनी मरीजों को आहार विहार और सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताया गया।
लोगों के बीच जागरूकता
बता दें कि जिले में किडनी की विभिन्न समस्याओं से जूझनेवाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह चिंता का विषय है। सरकारी और निजी क्लीनिकों में किडनी रोग में मरीजों की लम्बी कतार तो है ही इसके अलावा जिले में किडनी के कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें औसतन प्रत्येक सप्ताह से लेकर मासिक तौर पर डायलिसिस की जरुरत पड़ती है।
निजी क्षेत्र को छोड़ सिर्फ सदर अस्पताल में उपलब्ध डायलिसिस सेंटर पर प्रतिदिन करीब 10 से 15 मरीज अपना डायलिसिस करवाने पहुंच रहे हैं। महीने भर में यह आंकडा 300 से 350 तक पहुंच रहा है। इसी कड़ी में लोगों में किडनी रोग और इससे बचाव के लिए सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर पर वर्ल्ड किडनी डे जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बेहद गंभीर होती है किडनी की समस्या
कार्यक्रम के दौरान मरीज और उनके परिजनों द्वारा देखभाल और रहन सहन से सम्बंधित सवालों का केंद्र प्रभारी ने जवाब भी दिया। केंद्र प्रभारी सीनियर इंचार्ज ब्रजेश कुमार पांडेय ने बताया किडनी की समस्या बेहद ही गंभीर होती जा रही है जिस वजह से हर माह 10 से 12 नये पेशेंट्स यहां डायलिसिस की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां डायलिसिस के लिए कुल 5 संयंत्र लगे हैं।
राशनकार्ड धारियों के लिए निःशुल्क व्यवस्था है जबकि सामान्य लोगों के लिए सरकारी दर 1797 रूपये निर्धारित हैं। यहां लोगों को मुफ्त में डायलिसिस की व्यवस्था मिल रही है। मरीजों को चिकित्सा के समय की जानकारी साझा कर डायलिसिस की सेवा दी जा रही है, जिससे डायलिसिस के लिए किसी को बाहर न जाना पड़े।
ये हैं किडनी समस्या के लक्षण
संस्थान के इंचार्ज ने बताया कि बदलती जीवनशैली, असंतुलित आहार, और प्रदूषित पानी के सेवन के कारण किडनी की बीमारियां आम होती जा रही हैं। खासकर डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं, जिससे क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित दिनचर्या, अधिक जंक फूड और कम पानी पीने की आदतें किडनी पर दबाव डालती हैं।
इसके अलावा, दर्द निवारक दवाओं और अन्य बिना डॉक्टर की सलाह के ली जाने वाली दवाओं का अधिक सेवन भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। शुरुआती लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, शरीर में सूजन, थकान और भूख कम लगना शामिल हो सकते हैं। इन सभी लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
डायलिसिस सामान्य जीवन जीने का अवसर
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ आरके गुप्ता ने बताया कि किडनी की समस्या से बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार लेना और व्यायाम करना आवश्यक है। साथ ही, शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए। डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय रहते किडनी की देखभाल न की जाए, तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की नौबत आ सकती है। वहीं अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने बताया कि जागरूकता और सही जीवनशैली अपनाकर हम इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं।
डायलिसिस सेवा उन मरीजों के लिए जीवनदान साबित हो रही है, जिनकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही। यह प्रक्रिया शरीर से विषैले पदार्थों और अतिरिक्त तरल को निकालने में मदद करती है, जिससे मरीज को राहत मिलती है। मौके पर टेक्नीशियन सतीश तिवारी, सौरव पांडेय, प्रिंस विश्वकर्मा और स्टाफ नर्स प्रियंका सिंह मौजूद थे।