फेस अटेंडेंस हटाने के मुद्दे पर संविदा कर्मियों ने किया सीएस के समक्ष प्रदर्शन

मंगलवार को हड़ताली संविदा कर्मियों एएनएम, सीएचओ, जीएनएम ने अपने अनिश्तिकालीन हड़ताल के तह बक्सर सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान हड़ताली संविदा कर्मी फेस अटेंडेंस हटाने तथा समान काम का समान वेतन देने सहित अपने अन्य मांगों की आवाज बुलंद कर रहे थे।

फेस अटेंडेंस हटाने के मुद्दे पर संविदा कर्मियों ने किया सीएस के समक्ष प्रदर्शन

- फेस अटेंडेंस हटाने व समान काम के समान वेतन सहित अन्य मांगों के समर्थन में आठ जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है संविदाकर्मी

केटी न्यूूज/बक्सर 

मंगलवार को हड़ताली संविदा कर्मियों एएनएम, सीएचओ, जीएनएम ने अपने अनिश्तिकालीन हड़ताल के तह बक्सर सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान हड़ताली संविदा कर्मी फेस अटेंडेंस हटाने तथा समान काम का समान वेतन देने सहित अपने अन्य मांगों की आवाज बुलंद कर रहे थे। बता दें कि संविदा कर्मियों का हड़ताल पिछले 8 जुलाई से अनवरत रूप से जारी है।

मंगलवार को सीएस कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन के दौरान संविदा कर्मियों ने अपनी चट्टानी एकता प्रदर्शित की और कहा कि जबतक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तबतक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान संविदा कर्मियों ने कहा कि फेस अटेंडेंस का फैसला तुगलकी फरमान है। सरकार को इसे वापस लेना ही होगा। धरना की अध्यक्षता कर रही ममता कुमारी ने बताया कि हम लोगों की ड्îूटी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में दी गई है।

जहां आवागमन के साथ ही मोबाइल के नेटवर्क जैसी समस्या से प्रतिदिन प्रभावित होना पड़ता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं होने की वजह से फेस के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना काफी परेशानी भरा हुआ है। उन्हें फेस के माध्यम से सुबह, दोपहर एवं संध्या समय कई बार उपस्थिति दर्ज करना पड़ रहा है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। धरना की अध्यक्षता बक्सर जिला के अध्यक्ष ममता कुमारी एएनएम एवं समर्थन जिला सचिव सरिता कुमारी ने किया।

वही वक्ताओं ने कहा कि वे सरकार द्वारा निर्धारित सभी कामों को बखूबी पूरा करती है। बावजूद उन्हें बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है। जिससे परिवार की दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी मुश्किल से होता है। कम मानदेय से बच्चों की पढ़ाई तथा परिवार के बीमार सदस्यों की दवाई तक बाधित होती है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा तथा समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए

इस मौके पर मनीषा कुमारी, गीता मिश्रा, रागिनी कुमारी, ऑचल कुमारी, रिन्की कुमारी, रिना कुमारी, अनिता कुमारी, कुन्ती कुमारी, ममता कुमारी, संगिता कुमारी, सुरुचि जयकर, मंजु कुमारी, शांति कुमारी समेत अन्य संविदा कर्मी भारी वारिस में डटे रहें।