किसानों के धान की समय से हो खरीद, मिले उचित मूल्य - डीएम

फसलों का उत्पादन में बहुत परिश्रम लगता है। किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य व समय से मिलनी चाहिए। उक्त बातें डीएम अंशुल अग्रवाल ने चिलहरी में आयोजित क्रॉप कटिंग के दौरान कही।

किसानों के धान की समय से हो खरीद, मिले उचित मूल्य - डीएम

केटी न्यूज/डुमरांव

फसलों का उत्पादन में बहुत परिश्रम लगता है। किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य व समय से मिलनी चाहिए। उक्त बातें डीएम अंशुल अग्रवाल ने चिलहरी में आयोजित क्रॉप कटिंग के दौरान कही। उन्होंने चिलहरी में अपने हाथ में हसिया ले क्रॉप कटिंग कर फसल के उपज का आंकलन किया। 

बता दें कि फसल कटनी प्रयोग फसल के उत्पादन के आंकलन की एक वैज्ञानिक विधि है इसके अंतर्गत 10 गुणे 5 के आयताकार क्षेत्रफल में फसल कटनी प्रयोग की जाती है।

क्रॉप कटिंग के बाद उपज 12.395 क्विंटल प्राप्त हुआ। इस प्रकार 42.790 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत उपज है। यह क्रॉप कटिंग चिलहरी पंचायत के स्थानीय गांव निवासी कृषक रमाशंकर भारती के प्लांट में संपादित किया गया। इस दौरान डीएम ने उपज को बेेहतर बताया और मातहतो को धान अधिप्राप्ति पर पैनी नजर बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के मेहनत का उचित दाम मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कृषक से भी धान की खेती के संबंध में जानकारी ली तथा किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने व रसायनिक खाद की जगह ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग फसलों में करने के लिए प्रेरित किया। वही उन्होंने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील भी की।

डीएम ने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने पराली जलाने से होने वाले नुकसान को बताया और कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तो समाप्त होती ही है, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष को मिट्टी में दबा देंगे तो वह खाद बन जाएगा। जिसका लाभ आगामी फसल के दौरान किसानों को मिलेगा। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा।

फसल कटनी के दौरान जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी डुमरांव व चौसा, अंचलाधिकारी डुमरांव, कृषि समन्वय किसान सलाहकार, संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।