एसएसबी जवान के खिलाफ शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का एफआईआर दर्ज

एसएसबी जवान के खिलाफ शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का एफआईआर दर्ज

- शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला 

केटी न्यूज/बलिया

शादी को झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने  सशस्त्र सीमा बल के जवान के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिय। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांभवी यादव की अदालत में की गयी थी। कोर्ट के आदेश पर नगरा थाने की पुलिस ने सशस्त्र सीमा बल के जवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने विवेचना भी शुरू किया। पीड़िता ने कोर्ट में दिए गए तहरीर में उल्लेख किया है कि उसकी शादी हुई थी लेकिन पति-पत्नी में संबंध ठीक ना रहने के चलते विवाह विच्छेद 2018 में हो गया। इसबीच बड़े भाई अवधेश कुमार का साला सतीश कुमार जो नगरा थाना क्षेत्र के कोठिया का निवासी है। 2018 में सशस्त्र सीमा बल में भर्ती हो गया था। भर्ती होने के बाद 2019 में जनवरी महीने में छुट्टी आने के बाद मेरे घर आया और मेरा हाथ पकड़ मुझसे कहा कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं मेरे द्वारा मना करने पर तथा रिश्ते की बात कहने पर कहा कि मैं फौजी का सिपाही हूं जो कहता हूं उसमें कोई अंतर नहीं है। मैं समाज और मैं किसी से नहीं डरता हूं इसके बाद मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहा। मैंने कहा कि मुझसे शादी कर लो फिर शादी शारीरिक संबंध बनाना। तब उसने मेरी मांग में सिंदूर लगा दिया और कहा कि शादी विश्वास की बात है। मैं भगवान को साक्षी मानकर तुम्हारे मांग में सिंदूर लगाया हूं । आज मेरी पत्नी हो और शारीरिक संबंध बनाने दो, मैं उसके इस बात पर विश्वास करके शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद वे लगातार संबंध बनाती रही। इसबीच दो बार गर्भवती हुई, जिसे सतीश कुमार ने द्वारा कल छपट करके बच्चा खराब करा दिया गया। बार-बार कहती रही कि मुझे विदा कराकर अपने घर ले चलो लेकिन वह बार-बार टालमटोल करता रहा। 30 मई 2023 को सतीश यह जानते हो कि मेरे घर पर कोई नहीं है रात में कहीं 10 बजे आया और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। ज़ब मैंने कहा कि अपने घर ले चलो तब कहा कि शादी होती है तब विदाई होती है, ना मैं तुम्हारे साथ शादी  किया हूं। शादी का नाटक किया था यहै कहते हुए मेरा मुंह दबाकर बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। इस मामले में सुनवाई के बाद सीजेएम शांभवी यादव ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया था।