दोस्त से लिया था कर्ज मांगने पर रच दी खुद के अपहरण की साजिश पुलिस परेशान
- अपहरण की जानकारी मिलते ही पुलिस के उड़ गए थे होश
- बक्सर एसपी ने तत्काल टीम गठित कर करवाया मामले का उदभेदन
केटी न्यूज/बक्सर
रविवार की देर शाम एक युवक के अपहरण की खबर पर बक्सर पुलिस खासे परेशान हुई। खुद उसके परिजनों ने थाना पहुंच उसका अपहरण किए जाने की बात पुलिस से बताई थी और यह भी बताया था कि उसके जान को खतरा है। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस के हाथ पाव फूलने लगे थे। प्रभारी एसपी ने तत्परता दिखाते हुए उस युवक को बरामद करने के लिए तत्काल एक टीम का गठन कर दिया। हालांकि इस टीम ने एक घंटे में ही उस युवक को खोज निकाला। इसके बाद अपहरण का मामला खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाला साबित हुआ। पुलिस की पूछताछ में युवक ने जो सच्चाई बताया उससे खुद पुलिसकर्मी तथा उसके परिजन हतप्रभ रह गए।
कर्ज लिए पैसा को हड़पने की नियत से रचा था साजिश
मिली जानकारी के अनुसार बक्सर धोबीघाट के गली नंबर सात निवासी उपेन्द्र प्रसाद सिंह का पुत्र अंकित कुमार ने बड़की नैनीजोर निवासी अपने एक दोस्त दिपेश कुमार से मोबाईल खरीदने के लिए आठ हजार रूपए कर्ज लिया था। लेकिन बहुत दिन बीत जाने के बाद भी वह उसे पैसा लौटा नहीं रहा था। रविवार को जब दोस्त ने उसपर पैसा के लिए दबाव बनाया तो वह घर से किला मैदान जाने की बात कह निकल गया। शाम करीब 7.30 बजे वह अपने परिजनों को फोन कर बताया कि उसका अपहरण हो गया है। अपहर्ता उसे स्कार्पियों से लेकर जा रहे है तथा जान मारने की धमकी दे रहे है। अंकित ने बताया कि वह किसी तरह से छिपकर फोन कर रहा है। इसके बाद परिजन किसी अनहोनी की आशंका से सिहर उठे तथा तत्काल टाउन थाने को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही टाउन थानाध्यक्ष दिनेश मालाकार न प्रभारी एसपी दीपक वर्णवाल को इस अपहरण के बारे मंे जानकारी दी। उन्होंने तत्काल एक टीम गठित कर युवक को सकुशल बरामद करने की रणनीति बनाई। पुलिस ने एक घंटे बाद उसे डुमरांव रेलवे स्टेशन के समीप से बरामद कर लिया।
पुलिस को छकाने का कर रहा था प्रयास
इस संबंध में जानकारी देते हुए टाउन थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि जब उसे बरामद किया गया तो वह पुलिस को छकाने का प्रयास करने लगा। पहले उसने बताया कि अपहर्ता उसे एक घर में बंद किए थे, वह किसी तरह उनके चंगुल से भाग आया है। लेकिन जब पुलिस ने उस घर को दिखाने को कहा तो वह दूसरी कहानी गढ़ने लगा। लेकिन जब पुलिस ने तेवर दिखाए तो सच्चाई उसके मुंह से निकल गई। अंकित ने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त दिपेश से मोबाईल खरीदने के लिए 8000 रूपए कर्ज लिया था। वह अपने पैसे के लिए दबाव बना रहा था। इसी के चलते उसने अपने अपहरण की साजिश रची थी। सारे वाकये को सुन परिजनों ने माथा पीट लिया। हालांकि बाद में परिजनों के गुहार के बाद पुलिस ने दुबारा ऐसा नहीं करने की चेतावनी व पीआर बांड भरवा उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इस घटना में देर तक बक्सर पुलिस हलकान रही थी। बहरहाल उसके सकुशल बरामद होने से पुलिस ने राहत की सांस ली है।