कालाजार प्रभावित गांवों में घर-घर होगी कालाजार के छुपे हुए रोगियों की खोज

कालाजार प्रभावित गांवों में घर-घर होगी कालाजार के छुपे हुए रोगियों की खोज

- पिछले तीन साल में मिले रोगियों को चिह्नित करते हुए चलाया जाएगा विशेष अभियान

- मरीज के घरों के 500 मीटर की परिधि में स्थित 200 से 250 घरों में की जाएगी खोज 

केटी न्यूज/बक्सर 

जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए कालाजार प्रभावित इलाकों में अभियान का संचालन जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू होगा। सात दिवसीय इस अभियान के क्रम में क्षेत्र भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता 15 दिन या इससे अधिक समय से बुखार पीड़ित वैसे मरीज जिनका बुखार मलेरिया व एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के बावजूद ठीक नहीं

हुआ  वैसे लोगों को कालाजार संबंधी जांच के लिये प्रेरित  करेंगी। इस क्रम में राज्य मुख्य मलेरिया कार्यालय, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह एसपीओ डॉ. अशोक कुमार ने पत्र जारी कर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। जिसमें आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण से लेकर अभियान के सफल संचालन को लेकर प्रचार प्रसार तक के लिए गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं। 

लक्षण दिखने पर होगी बोन मैरो व स्प्लीन एस्पिरेशन जांच 

पत्र के माध्यम से अपर निदेशक ने बताया है कि कालाजार के लक्षण वाले मरीजों की  यह जांच आरके-39 किट द्वारा पीएचसी में की  जाएगी । वहीं, जिन लोगों का पूर्व में कालाजार का इलाज हो चुका हो या उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण दिखाई पड़े तो उनकी बोन मैरो व स्प्लीन एस्पिरेशन जांच के लिए सदर अस्पताल में रेफर किया जाएगा। दूसरी ओर,

कालाजार रोगी खोज अभियान उन गांवों में चलाया जाएगा जहां विगत तीन वर्षों (2021, 2022 व 2023) में कालाजार के नए मामले सामने आये हैं। अभियान के तहत चिह्नित गांव के कालाजार के मरीजों के घरों की 500 मीटर की परिधि में 200 से 250 घरों में जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की खोज करेंगी। इसके लिये कुल तीन-तीन आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटर को लगाया जाएगा। 

रोगी को चिह्नित करने पर ग्रामीण चिकित्सकों को भी मिलेगी प्रोत्साहन राशि 

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार रोग को पूर्णतः खत्म करने के लिये विभागीय स्तर से कई प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं, ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा संभावित मरीजों को जांच के लिये पीएचसी भेजे जाने व व्यक्ति में रोग की पुष्टि होने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये देने का प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में निरूशुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी। 

15 दिनों से अधिक बुखार का होना कालाजार के लक्षण 

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से यह अभियान साल में दो बार चलाया जाता है। जिससे कालाजार के छुपे हुए मरीजों को चिह्नित किया जा सके। उन्होंने बताया कि 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। रोग संबंधी अन्य लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए कालाजार से ठीक हो चुके मरीजों को भी जांच कराना अनिवार्य है। ताकि, उन्हें पीकेडीएल के प्रभाव से बचाया जा सके।