नियम को ताक पर रखकर शहर में लगाए गए हैं हाईमास्ट लाइट

नगर में जो भी काम किये जा रहे हैं, नियम को ताक पर रख कर किया जा रहा है। ऐसे ही एक कार्य कराया गया है हाईमास्ट लाइट लगाने का, जिस पर कम्पलेन एसडीओ डुमरांव के पास किया गया था। मिले कम्पलेन पर एसडीओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित करते हुए जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी। उक्त जांच टीम में बीडीआ डुमरांव, कार्यपालक दंडाधिकारी डुमरांव और भूमि सुधार उप समहर्ता डुमरांव को शामिल किया गया था।

नियम को ताक पर रखकर शहर में लगाए गए हैं हाईमास्ट लाइट

-- जांच में पाया गया तीन हाईमास्ट लाइट एक सौ मीटर के दायरे से भीतर लगे हैं

केटी न्यूज/डुमरांव  

नगर में जो भी काम किये जा रहे हैं, नियम को ताक पर रख कर किया जा रहा है। ऐसे ही एक कार्य कराया गया है हाईमास्ट लाइट लगाने का, जिस पर कम्पलेन एसडीओ डुमरांव के पास किया गया था। मिले कम्पलेन पर एसडीओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित करते हुए जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी। उक्त जांच टीम में बीडीआ डुमरांव, कार्यपालक दंडाधिकारी डुमरांव और भूमि सुधार उप समहर्ता डुमरांव को शामिल किया गया था।

इन तीनों अधिकारियों को यह जांच करना था कि नगर नया थाना, गड़ेरी मोहल्ला मोड़ और डा. जगनारायण सिंह मोड़ पर हाईमास्ट लाइट जो लगाए गए थे, तीन सौ मीटर के दायरे में हैं की कम में। जांच में यह सही पाया गया कि हाईमैक्स लाइट जो लगाया गया है, तीन सौ मीटर के कम दूरी पर लगाए गए हैं।

 हालांकि जांच अधिकारियों ने तीन सौ मीटर के भीतर हाईमास्ट लाइट लगाने का कारण लोगों का डिमांड का हवाला दिया है। अब यह सवाल उठता है कि हाईमास्ट लाइट लगाने का जा नियम है, उसके भीतर ही काम करना होगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है कि लोगों के डिमांड पर नियम के विरूद्ध कार्य करते हुए हाईमास्ट लाइट लगाया गया है। इधर शिकायतकर्ता फुटपाथी संघ के जिलाध्यक्ष मिंटू हाशमी का कहना है

कि यह कोई दलील नहीं हुई की लोगों के डिमांड पर नियम को ताक पर रख दिया जाए। इससे साफ जाहिर होता है कि व्यक्तिगत लाभ को लेकर सारे नियम को ताक पर रख लाइट को लगाया गया है। जांच में यह भी कहा गया है कि जगनारायण सिंह मोड़ पर हाईमास्ट लाइट लगाए जाने से पुराना थाना रोड में रोशनी जाती है, जिससे आवागमन में सुविधा मिलता है। इस पर शिकायतकर्ता का कहना है

कि शहीद पार्क के पास जो हाईमास्ट लाइट लगाया गया है, उससे पुराना थाना रोड पूरी तरह से गुलजार रहता है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जहां हाईमास्ट लाइट लगा है, वहीं पर स्ट्रीट लाइट भी लगा दिया गया है। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है

कि नप ने किस तरह से राशि का दुरूपयोग किया है। इधर शिकायतकर्ता मिंटू हाशमी का कहना है कि इस जांच रिपोर्ट से मै संतुष्ट नहीं हूं, इसकी शिकायत डीएम, विभागी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की जाएगी।