एसटीपीएल कंपनी जबरन वॉटर पाइप लाइन का निर्माण कराएगी तो किसान बंद कराएंगे कंपनी का काम

प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा चौसा द्वारा शनिवार को पंचायत भवन, बनारपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता तेतरी देवी ने एवं मंच संचालन शिवजी तिवारी ने किया।

एसटीपीएल कंपनी जबरन वॉटर पाइप लाइन का निर्माण कराएगी तो किसान बंद कराएंगे कंपनी का काम

- चौसा में आयोजित हुई प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा की बैठक, किसानों ने कहा कि स्थानीय गुडो के बल पर जबरन वॉटर पाइप लाइन का निर्माण करा रही है एसटीपीएल कंपनी

केटी न्यूज/बक्सर

प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा चौसा द्वारा शनिवार को पंचायत भवन, बनारपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता तेतरी देवी ने एवं मंच संचालन शिवजी तिवारी ने किया।

बैठक में वक्ताओं द्वारा गंभीर चिंता व्यक्त की गई कि एसटीपीएल कंपनी द्वारा स्थानीय गुंडों के बल पर अवैध तरीके से वाटर पाइपलाइन का कार्य कराया जा रहा है, जिससे प्राकृतिक जल प्रवाह में छेड़छाड़ हो रही है। यह वहीं जल प्रवाह है, जिससे तीन गांवों के पानी की निकासी होती है तथा हजारों एकड़ कृषि भूमि प्रभावित होती है।

वक्ताओं ने कहा कि बनारपुर, बेचनपुरवा एवं मोहनपुरवा मौजा का चकबंदी कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन चक नक्शा संपुष्ट न होने के कारण किसी भी रैयत की जमीन का सीमांकन नहीं हो पाया है। इसी कारण हजारों किसानों के मुकदमे अभी भी लंबित हैं।

किसानों का कहना है कि शुक्रवार को को अश्विनी कुमार चौबे की रैयती भूमि पर एसटीपीएल कंपनी द्वारा जबरन पोकलेन मशीन से खुदाई कर पाइपलाइन डालने का प्रयास किया गया। श्री चौबे ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक चकबंदी का संपुष्ट नक्शा एवं मापी नहीं हो जाती, तब तक कोई कार्य न किया जाए। इसके बावजूद कंपनी द्वारा स्थानीय गुंडों के सहारे कार्य जारी रखा गया।

इस स्थिति पर मोर्चा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि एसटीपीएल कंपनी द्वारा जबरन कार्य जारी रखा गया, तो प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा, बक्सर कंपनी का कार्य पूरी तरह से बंद करवाने को विवश होंगे।

प्रमुख वक्ताओं में रामप्रवेश सिंह यादव अध्यक्ष, प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा, जितेंद्र राय, मेराज खान, गोरख पांडेय, सियाराम सिंह, साधु सिंह, छेदी राय, नन्द कुमार राम आदि शामिल रहे। मौके पर दर्जनों किसान, बेरोजगार नौजवान एवं स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।