पहल, डुमरांव विधायक ने जेपी आंदोलन के गुमनाम सेनानियों की पेंशन शुरू कराने का उठाया मुद्दा
सन 1974 के संपूर्ण क्रांति ( जेपी आंदोलन ) के दौरान कई सेनानियों ने जेल की यात्रा की थी, जिन्हें सरकार द्वारा पेंशन दिया जाता है, लेकिन राज्य के 74 व बक्सर जिले के दो ऐसे सेनानी है जिनके जेल जाने की जानकारी मिलती है

- राज्य के 74 व जिले के दो सेनानियों के जेल से बाहर आने का नहीं मिला है रिकॉर्ड
केटी न्यूज/डुमरांव
सन 1974 के संपूर्ण क्रांति ( जेपी आंदोलन ) के दौरान कई सेनानियों ने जेल की यात्रा की थी, जिन्हें सरकार द्वारा पेंशन दिया जाता है, लेकिन राज्य के 74 व बक्सर जिले के दो ऐसे सेनानी है जिनके जेल जाने की जानकारी मिलती है
लेकिन उनके जेल से बाहर आने का रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। जिस कारण कारण उन्हें पेंशन नहीं मिलता है। डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुशवाहा ने छूटे हुए सेनानियों का रिकॉर्ड खोज उन्हें पेंशन योजना का लाभ देने का मामला बजट सत्र के दौरान सदन में उठाया है।
विधायक के प्रश्नोत्तरी से यह स्पष्ट हुआ कि बिहार सरकार अब तक इस मामले में ठोस कदम उठाने में असमर्थ रही है। विधायक ने कहा कि विशेष रूप से बक्सर सहित राज्य के कई जिलों के वे सेनानी, जिन्होंने 1974 के आंदोलन में भाग लिया था और किन्हीं कारणवश उनका रजिस्टर मेंटेन नहीं हो सका। ऐसे सेनानी जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया था, वो अब भी सरकार से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, और सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
विधायक ने कहा कि 2009 में सरकार द्वारा घोषणा की गई थी कि जेपी आंदोलन से जुड़े सेनानियों को पेंशन दी जाएगी, और इसके तहत आवेदन भी मंगवाए गए थे। परंतु इतने वर्षों के बाद भी बहुत से सेनानियों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। सबसे विडंबनापूर्ण स्थिति यह है कि जिस सरकार में जेपी आंदोलन के विचारों को आगे बढ़ाने का दावा करने वाले लोग शामिल हैं,
उसी सरकार के कार्यकाल में सेनानियों को दरकिनार किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि जेपी आंदोलन के सेनानियों ने अपने जीवन के सुनहरे साल संघर्ष में बिता दिए, जेल गए, यातनाएं सहीं, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए बड़ी कुर्बानियां दीं।
लेकिन अब वही लोग, जो कभी इस आंदोलन के आदर्शों को मानते थे, सत्ता में आने के बाद उन सेनानियों की उपेक्षा कर रहे हैं। गौरतलब है कि बक्सर के अधिवक्ता नंद गोपाल व सच्चिदानंद सिन्हा जेपी आंदोलन के दौरान जेल गए थे, लेकिन जेल से बाहर आने का रिकॉर्ड नहीं मिलने से उन्हें पेंशन नहीं मिला है।