अप्रतिम योद्धा थे कुंवर सिंह, ब्रिटिश हुकूमत के संगीनों का किया था बेखौफ सामना: रामजी सिंह

अप्रतिम योद्धा थे कुंवर सिंह, ब्रिटिश हुकूमत के संगीनों का किया था बेखौफ सामना: रामजी सिंह

- विजयोत्सव पर याद किए गए वीर बांकुड़ा कुंवर सिंह, युवा शक्ति ने आयोजित किया था कार्यक्रम

केटी न्यूज/बक्सर

1857 के क्रांति के महान नायक तथा 80 वर्षों की उम्र में भी अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले जगदीशपुर के जमींदार बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव रविवार को धूमधाम से मनाया गया। बक्सर के जहाज घाट स्थित वीर बांकुड़ा के सबसे पुरानी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन युवा शक्ति के बैनर तले किया गया था। जिसकी अध्यक्षता बक्सर के चर्चित युवा नेता व नगर परिषद के उपचेयरमैन प्रतिनिधि रामजी सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत बक्सर सदर एसडीपीओ गोरख राम ने बाबू कुंवर सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की। इसके बाद वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

अध्यक्षता कर रहे युवा नेता रामजी सिंह ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जो स्थान कुंवर सिंह का है वह किसी को नहीं मिला है। अस्सी वर्षो की उम्र में भी उन्होंने अपनी वीरता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। रामजी ने कहा कि वे उस अवस्था में भी ब्रिटिश हुकूमत के संगीनों का बेखौफ सामना किए थे। उन्होंने कहा कि जीते जी अंग्रेज कभी उनकी रियासत पर कब्जा नहीं जमा सके। बल्कि वे आरा के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी अंग्र्रेजो को खदेड़ भगाया था। उन्होंने कहा कि वे अपनी अंतिम लड़ाई 23 अप्रैल को ही जीते थे। वही एसडीपीओ गोरख राम ने कहा कि आज की पीढ़ी को राष्ट्र रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पण की सीख कुंवर सिंह से लेनी चाहिए थी। वे कुशल लड़ाका के साथ ही एक अच्छे नेतृत्वकर्ता भी थे। उक्त अवसर पर मनीष तिवारी, मुन्ना पंडित, सुमन पांडेय, वार्ड पार्षद विजय राजभर, अजय मानसिंहका, जयप्रकाश सिंह कुशवाहा, राजेश समाजवादी, विनय शुक्ला, दीपक समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।