किसानों के लिए वरदान साबित होगी मलई बराज योजना, 5630 हेक्टेयर भूमि की होगी सिंचाई - डीएम
डीएम अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को मलई बराज योजना के निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बराज निर्माण के हुए कार्य एवं शेष कार्य पर संबंधित अधिकारी से वार्ता किया। इस दौरान डीएम ने बताया कि सिंचाई योजना सहित मलई बराज योजना के लिए द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के लिए दो सौ चार करोड़ पंचानबे लाख चौसठ हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

- डीएम ने किया मलई बराज योजना के निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण, दो वर्ष में कार्य पूर्ण करने का दिया निर्देश
- द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के लिए लगभग दो सौ पांच करोड़ की मिली है प्रशासनिक स्वीकृति
केटी न्यूज/नावानगर
डीएम अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को मलई बराज योजना के निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बराज निर्माण के हुए कार्य एवं शेष कार्य पर संबंधित अधिकारी से वार्ता किया। इस दौरान डीएम ने बताया कि सिंचाई योजना सहित मलई बराज योजना के लिए द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के लिए दो सौ चार करोड़ पंचानबे लाख चौसठ हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
जिसपर मई माह से कार्य शुरु कर दिया जाएगा। साथ ही वर्ष 2027 में मलई बराज निर्माण कार्य को संपन्न होने के साथ बराज से खेतों के सिंचाई की पानी मिलने लगेगी। जिससे नावानगर, केसठ, चौगाईं व डुमरांव प्रखंड के 5630 हेक्टेयर खेत की सिंचाईं होगी।
किसानों के लिए वरदान साबित होगी परियोजना
डीएम ने कहा कि यह योजना क्षेत्रिय किसानों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से डुमरांव अनुमंडल के दक्षिणी इलाके के किसानों के लिए सिंचाईं एक बड़ी समस्या बन गई थी। जिस कारण किसानों की खेती मॉनसून पर निर्भर हो गई थी।
हालांकि, इस क्षेत्र में नहरे भी है, लेकिन अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था। जबकि मलई बराज परियोजना के पूरा होने से किसानों के खेत तक पानी पहुंचने लगेगा। डीएम ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
गुणवत्तापूर्ण कार्य संपन्न कराने का दिया निर्देश
निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्माण एजेंसी समेत संबंधित अधिकारी को गुणवत्तापूर्ण बराज का निर्माण कराने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि यह परियोजना किसानों व सरकार दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। लिहाजा इसका निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण संपन्न होना चाहिए। डीएम ने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान यदि मानक के अनुरूप काम होता नहीं दिखाई पड़ेगा तो संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान सिंचाई योजना व मलई बराज योजना के द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य की सौगात दी थी। इसकी घोषणा सीएम ने किया था। जिसके बाद इस परियोजना के पुनरीक्षित निर्माण कार्य का प्रशासनिक स्वीकृति मंत्रिपरिषद द्वारा 25 फरवरी को मिल गई है। वहीं, विभाग द्वारा न सिर्फ रिकार्ड समय में इसकी स्वीकृति दी गई,
बल्कि योजना की राशि भी निर्गत कर दी गई है। जिससे अब इस परियोजना के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद बढ़ गई है। किसान भी इस ओर टकटकी लगाए बैठे है। निरीक्षण के दौरान डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता सह प्रखंड विकास पदाधिकारी नावानगर आलोक नारायण वत्स, कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल नावानगर, रूपसागर मुखिया बृज कुमार सिंह, सीओ व स्थानीय कृषक मौजूद थे।
केसठ, डुमरांव व भोजपुर राजवाहा के अंतिम छोर तक मिलेगा पानी
मलई बराज के निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से जिला के सोन नहर प्रणाली के अंतिम छोर चौंर्गाइं, ब्रह्मपुर, केसठ, नावानगर, डुमरांव के उत्तरी हिस्से के किसानों को खेतों में सिंचाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। आलम यह था कि किसानों को कभी भी समय से पानी नहीं मिल पाता था, वहीं, नहरों के अंतिम छोर तक पानी तभी पहुंचता था
जब खेतों में सिंचाईं की जरूरत नहीं होती थी। जरूरत के समय पानी नहीं पहुंचने से नहरों के टेल एंड के किसान काफी परेशान होते थे तथा उनकी खेती भी पिछड़ जाती थी, लेकिन मलई बराज योजना को स्वीकृति मिलते ही अब किसानों में इस बात की उम्मीद जगी है कि जल्दी ही उनके खेत तक निर्बाध गति से पानी पहुंचने लगेगा।