बड़का सिंहनपुरा से बेटी की शादी तय करने चाचा के साथ जा रहे भतीजे की दुर्घटना में मौत, चाचा की स्थिति गंभीर

एनएच 922 पर गुरूवार की शाम करीब चार बजे यात्री बस व बाइक की आमने सामने की टक्कर बाइक चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठे उनके चाचा को भी गंभीर चोटे आई है। दुर्घटना को अंजाम देने के बाद बस चालक वाहन लेकर फरार हो गया है

बड़का सिंहनपुरा से  बेटी की शादी तय करने चाचा के साथ जा रहे भतीजे की दुर्घटना में मौत, चाचा की स्थिति गंभीर

- गुरूवार की शाम एनएच 922 पर महाराजा कोठी के सामने हुई बस व बाइक की टक्कर

- सिमरी थाना क्षेत्र के बड़का सिंहनपुरा गांव के रहने वाले है मृतक व जख्मी

केटी न्यूज/डुमरांव

एनएच 922 पर गुरूवार की शाम करीब चार बजे यात्री बस व बाइक की आमने सामने की टक्कर बाइक चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठे उनके चाचा को भी गंभीर चोटे आई है। दुर्घटना को अंजाम देने के बाद बस चालक वाहन लेकर फरार हो गया है। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्काल दोनों को उठाकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाई।

जहां डॉक्टरों ने भतीजा को मृत घोषित कर दिया, जबकि चाचा की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस उनके परिजनों को घटना की सूचना दे चुकी है। मृतक की पहचान सिमरी थाना क्षेत्र के बड़का सिंहनपुरा गांव के लक्ष्मी दूबे के 52 वर्षीय पुत्र शशिकांत दूबे उर्फ पप्पू दूबे के रूप में हुई है। जबकि जख्मी उनके चाचा रामाशंकर दूबे है। मिली जानकारी के अनुसार शशिकांत कोलकाता में रहते है तथा हाल ही अपनी बेटी की शादी तय करने गांव आए थे।

गुरूवार को वे अपने चाचा के साथ एक ही बाइक पर सवार हो कही शादी के सिलसिले में बात करने जा रहे थे। जैसे ही वे लोग एनएच 922 पर महाराजा कोठी के पास पहुंचे कि बक्सर की तरफ से आ रही एक तेज रफ्तार यात्री बस ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दिया। दुर्घटना इतनी जबदस्त थी कि बाइक चालक शशिकांत की मौके पर ही मौत हो गई।

उन्हें देख ऐसा लग रहा था मानों बस उन्हें रौंदते हुए निकल गई है। जबकि जख्मी रामाशंकर दूबे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। उनके सिर, कान तथा सीने में चोटें आई है। इसकी जानकारी मिलते ही उनके परिजन सिंहनपुरा से अनुमंडलीय अस्पताल के लिए चल चुके थे। वही मृतक का पुत्र वाइजेक में रहता है। इस पिता की मौत की मनहूस खबर मिलते ही वह भी गांव के लिए चल पड़ा है।

इस घटना के बाद पीड़ित परिवार में कोहराम मच गया है। कहां तो वह अपनी बिटिया का हाथ पीले करने की उम्मीद पाले कोलकाता से गांव आया था, लेकिन यहां आने पर उसकी अर्थी ही उठ गई।