नये कानूनों से न्यायिक और जांच व्यवस्था में होग बदलाव - डीएसपी
- डीएसपी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर नये कानूनों पर दी जानकारी
केटी न्यूज/डुमरांव
नये कानूनों से न्यायिक और जांच व्यवस्था में बदलाव होगा। उक्त बातें डुमरांव डीएसपी ने गुरूवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन से आम लोगों को बहुत फायदे होंगे, क्योंकि इस व्यवस्था में दंड कम और न्याय पर ज्यादा जोर दिया गया हैं। इससे बेगुनाह फंस नही पायेंगे और दोषी अपना बचाव नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि जनहित के हिसाब से नया कानून बनाया गया है। एक जुलाई से पूरे देश में यह लागू हो गया है। तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारत साक्ष्य अधिनियम के तहत अब कार्य किया जा रहा है। डीएसपी ने कहा कि पहले आईपीसी में 511 धाराएं थी। इसमें 358 धाराएं हैं। नये कानून में पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को थानों के चक्कर से आजादी दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। लोग ई-मेल से भी शिकायत कर सकते हैं। महिलाओं व बच्चों पर अत्याचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इस नए कानून में छोटे अपराधों, दिव्यांग या जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है, उनकी गिरफ्तारी के लिए नया प्रावधान बनाया गया है, इसके अलावा अगर किसी को तीन साल से कम की सजा हुई है, तो उस व्यक्ति को डीएसपी रैंक के अधिकारी की इजाजत के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। डीएसपी ने कहा कि नए कानूनों से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। अब किसी भी केस की जांच 180 दिनों के अंदर पूरा करना होगा। जिससे लोगों को समय से न्याय मिलेगा। अब उन्हें न्याय पाने के लिए सालो साल अदालतों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट के पास चार्ज फ्रेम करने के लिए 60 दिनों का समय होगा तथा ट्रायल शुरू करना होगा। जांच की सत्यता को बनाए रखने के लिए तथा किसी भी तरह का संदेह नहीं हो उसके लिए पुलिस को जांच के दौरान वीडियो बनाना होगा। डीएसपी ने कहा कि नये कानून का सबसे बड़ा लाभ है कि अब जीरो एफआईआर दर्ज होगा। इसके तहत लोग कही से भी अपना एफआईआर दर्ज करा सकते है जो संबंधित थाना मंे स्वतः दर्ज हो जाएगा।