नियाजीपुर घुड़दौड़ प्रतियोगिता, मोतीहारी के सैयद फरहान के घोड़े को मिला प्रथम स्थान
महावीर पूजा समिति ट्रस्ट नियाजीपुर के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय खेल महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को अन्तर्राज्जीय घोड़ा दौड़ा शिल्ड प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 60 घोड़े रेस में शामिल हुए।
- महावीर पूजा समिति ट्रस्ट नियाजपुर द्वारा आयोजित कराई गई थी प्रतियोगिता
केटी न्यूज/डुमरांव
महावीर पूजा समिति ट्रस्ट नियाजीपुर के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय खेल महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को अन्तर्राज्जीय घोड़ा दौड़ा शिल्ड प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 60 घोड़े रेस में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि विवेका पहलवान बाढ़ एवं अजय सिंह साथ बक्सर एवं ट्रस्ट के सचिव रविशंकर पाठक ने संयुक्त रूप से फीता काट कर शुभारंभ किया। रेस की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर किया गया। जिसमें आठ सदस्यीय निर्णायकों ने रेस के नियम कायदे के हिसाब से अपनी सुक्ष्म व तिखी नजरों से अपना निर्णय दिया। जिससे घोड़ों का तीन प्रकार का रेस पट्ठा घोड़े, नाकंद घोड़े एवं दो दांत के घोड़ों ने अपने चाल से करतब दिखाए और घुड़सवारों ने कलाबाजियां दिखाई, जिससे क्षेत्र की तमाम जनता ने रेस का आनंद लिया और घुड़सवारों का हौसला अफजाई किया। इस महोत्सव में डॉ नवीन शंकर पाठक, एकराम पाठक, मनोज कुमार पाठक, मार्कंडेय पाठक, जन्मेजय पाठक, मनबोध पाठक, त्रिलोकी पाठक, सुमित पाठक, पिन्टु पाठक, चन्द्रकान्त पाठक, दीपक पाठक, परशुराम पाठक, यज्ञनारायण पाठक, रामाशंकर साह, गणेश साह, शंभु खरबार, उमाशंकर राम, संजय पासवान, लक्ष्मण राम, गणेश यादव आदि उपस्थित थे।
पट्ठा घोड़ा रेस में मोतीहारी के सैयद फरहान अहमद का घोड़ा एकता एक्सप्रेस प्रथम स्थान पा शिल्ड पर कब्जा जमाया। इस विधा में द्वितीय स्थान पर बलिया के नेपाल पांडेय का घोड़ा तथा तीसरे स्थान पर सैयद फरहान का एक और घोड़ा चुना गया।
जबकि नाकंद घोड़ा रेस में पीरो के डब्लू राय का घोड़ा प्रथम, डुमरी के रजनीकांत चौबे का घोड़ा द्वितीय तथा मिश्रवलिया के राम एकबाल यादव का घोड़ा तीसरे स्थान पर चुना गया। वही दो दांत घोड़ा रेस में पीरो के डब्लू राय का घोड़ा प्रथम, सैयद फरहान का घोड़ा द्वितीय तथा साथ के अजय सिंह का घोड़ा तीसरे स्थान पर रहा।
घुड़दौड़ प्रतियोगिता के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थें। ग्रामीणों ने घुड़सवारों की हौसला अफजाई के लिए जमकर तालियां बजाई। इस दौरान घुड़सवारों को व्यक्तिगत पुरस्कार भी दिए गए। बता दें कि यह प्रतियोगिता हर वर्ष आयोजित कराई जाती है।