अब आडियो और वीडियो गीत से मतदाताओं को लुभाने में जुटे प्रत्याशी, सोशल मीडिया की भी ले रहे पूरी मदद

आज के दौर में अब उम्मीदवार घर-घर जाने की बजाय फेसबुक और वाट्सएप पर खुद के प्रचार का आडियो और वीडियो गीत अपलोड कर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें दलीय से लेकर निर्दलीय तक शामिल हैं।

अब आडियो और वीडियो गीत से मतदाताओं को लुभाने में जुटे प्रत्याशी, सोशल मीडिया की भी ले रहे पूरी मदद
केटी न्यूज़, दिल्ली : आज के दौर में अब उम्मीदवार घर-घर जाने की बजाय फेसबुक और वाट्सएप पर खुद के प्रचार का आडियो और वीडियो गीत अपलोड कर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें दलीय से लेकर निर्दलीय तक शामिल हैं। कई उम्मीदवारों ने विधानसभा स्तर पर 20-20 युवाओं को नियुक्त किया है। इनका मुख्य कार्य प्रतिदिन चुनाव प्रचार का आडियो-वीडियो, वाट्सएप एवं फेसबुक पर अपलोड करना है। इसके लिए उन्हें बकायदा पारिश्रमिक भी जा रही है। 
जनता भी कम होशियार नहीं, प्रचार गीतों को मनोरंजन के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रही है। इतना ही नहीं सबको विजय का आशीर्वाद भी दे रही है। हालांकि इसको लेकर दलीय एवं निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थक भले ही फूले न समा रहे हों, परंतु नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीर बहुत कुछ बयां कर रही है। पैगंबरपुर पंचायत के एक मतदाता ने बताया कि पहले प्रत्याशी वोट मांगने दरवाजे पर आते थे। इससे आत्मीयता का भाव प्रकट होता था, मगर समय के साथ सूचना तकनीक के बढ़ते प्रभाव ने चुनाव प्रचार के प्राचीन स्वरूप में व्यापक बदलाव ला दिया है।
प्रत्याशी समझने लगे है कि मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का इससे सशक्त माध्यम और कुछ नहीं हो सकता है, मगर मतदाता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहा है और इसका आभास भी अब प्रत्याशियों को होने लगा है।