रामपुर दक्षिणी में धान कटनी ने पकड़ी रफ्तार, प्रगतिशील किसान कर रहे आधुनिक तकनीक से कटाई

प्रखंड के रामपुर दक्षिणी इलाका वर्षों से धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इन दिनों क्षेत्र में धान की कटनी जोर पकड़ चुकी है। प्रखंड के रामपुर गांव के प्रगतिशील किसान एवं भाजपा नेता सोनू तिवारी अपने 10 एकड़ खेत में तैयार धान की फसल की कटाई हार्वेस्टर मशीन से करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष फसल की पैदावार संतोषजनक रही है।

रामपुर दक्षिणी में धान कटनी ने पकड़ी रफ्तार, प्रगतिशील किसान कर रहे आधुनिक तकनीक से कटाई

-- सरकारी खरीद में देरी और अवैध कब्जों से किसान चिंतित

केटी न्यूज/केसठ। 

प्रखंड के रामपुर दक्षिणी इलाका वर्षों से धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इन दिनों क्षेत्र में धान की कटनी जोर पकड़ चुकी है। प्रखंड के रामपुर गांव के प्रगतिशील किसान एवं भाजपा नेता सोनू तिवारी अपने 10 एकड़ खेत में तैयार धान की फसल की कटाई हार्वेस्टर मशीन से करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष फसल की पैदावार संतोषजनक रही है।

उन्होंने ने बताया कि पूर्व में हुई बेमौसम बारिश ने कुछ खेतों को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में फसल अच्छी हुई है। इसके बावजूद, अभी तक सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसानों में सही मूल्य को लेकर निराशा बढ़ने लगी है।उन्होंने किसानों के सामने मौजूद अन्य समस्याओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।उन्होंने बताया कि सरकारी सर्वे और चकबंदी में निकले रास्तों पर अवैध कब्जे होने से खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। वहीं कृषि कार्य के लिए आवश्यक ट्रांसफार्मर की कमी से किसानों को लगातार बिजली समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

वन्यजीवों द्वारा फसलों को नुकसान भी किसानों की एक बड़ी चिंता है। कहा कि नीलगाय और हिरण जैसे जानवर रात में खेतों का काफी नुकसान कर देते हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। इन चुनौतियों के बीच उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की डबल इंजन सरकार की किसान हितैषी योजनाओं की सराहना भी की।उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, लेकिन जमीनी स्तर की समस्याओं का समाधान भी उतना ही आवश्यक है।ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर सरकारी खरीद शुरू हो जाए और अवैध कब्जों को हटाने के साथ बिजली व्यवस्था सुधारी जाए, तो किसानों को काफी राहत मिलेगी।