पटना पुस्तक मेले में ‘विकास पुरुष’ की गूंज, बिहार के परिवर्तन पर सजी सार्थक परिचर्चा

पटना पुस्तक मेला शनिवार को उस समय खास बन गया, जब डुमरांव निवासी लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव की पुस्तक “निरन्तर नीतीश 2030 : विकास पुरुष” का लोकार्पण सह परिचर्चा भव्य माहौल में आयोजित हुआ। समारोह ने न केवल साहित्यप्रेमियों को आकर्षित किया, बल्कि बिहार की विकास यात्रा पर एक गंभीर विमर्श का मंच भी तैयार किया।

पटना पुस्तक मेले में ‘विकास पुरुष’ की गूंज, बिहार के परिवर्तन पर सजी सार्थक परिचर्चा

__ डुमरांव के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव की नई पुस्तक ने खींचा पाठकों का ध्यान, नेताओं–पत्रकारों ने विकास यात्रा को बताया तथ्याधारित दस्तावेज

केटी न्यूज/डुमरांव 

पटना पुस्तक मेला शनिवार को उस समय खास बन गया, जब डुमरांव निवासी लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव की पुस्तक “निरन्तर नीतीश 2030 : विकास पुरुष” का लोकार्पण सह परिचर्चा भव्य माहौल में आयोजित हुआ। समारोह ने न केवल साहित्यप्रेमियों को आकर्षित किया, बल्कि बिहार की विकास यात्रा पर एक गंभीर विमर्श का मंच भी तैयार किया।कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व मंत्री एवं विधान पार्षद नीरज कुमार, डुमरांव विधायक राहुल कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सुजीत झा, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजमोहन सिंह, पुस्तक मेला संयोजक अमित झा, लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव तथा पैनग्राम प्रकाशन के सह निदेशक अचल गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया।

परिचर्चा के दौरान वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह पुस्तक पिछले दो दशकों में बिहार में हुए प्रशासनिक बदलाव, सामाजिक सुधार और विकास कार्यों की दस्तावेजी प्रस्तुति है, जो राजनीति और समाज—दोनों के लिए अध्ययन योग्य है।विधान पार्षद नीरज कुमार ने पुस्तक को “शासन और विकास के दो पहलुओं को जोड़ने वाला दर्पण” बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास को समझने के लिए यह पुस्तक महत्वपूर्ण संदर्भ बनेगी।

वहीं विधायक राहुल कुमार सिंह ने लेखक मुरली मनोहर के कार्य को ‘अद्भुत प्रयास’ बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों को जिस संवेदनशीलता और तथ्यपूर्ण तरीके से पुस्तक में समेटा गया है, वह पाठकों को बिहार के बदलते स्वरूप को महसूस कराएगा।वरिष्ठ पत्रकार सुजीत झा ने बताया कि मुरली जी ने जून में लेखन शुरू किया और महज कुछ महीनों में किताब प्रकाशित हो गई, ठीक उसी समय जब राज्य की राजनीति फिर विकास के मुद्दे पर पूर्ण बहुमत के साथ आगे बढ़ी।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार ब्रजमोहन सिंह ने कहा कि बिहार का परिवर्तन उनकी आंखों के सामने हुआ है और इस पुस्तक ने उन बदलावों को व्यवस्थित रूप से पाठकों के सामने रखा है।लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने कहा कि पुस्तक का उद्देश्य बिहार में आए व्यापक परिवर्तनों को प्रमाणिक तथ्यों और सहज भाषा में जनता तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि यह रचना केवल राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।

आयोजकों ने कहा कि पटना पुस्तक मेले जैसी सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधि में इस पुस्तक का शामिल होना पुस्तकप्रेमियों को बिहार की विकास यात्रा समझने का अवसर देता है। पूरे दिन पुस्तक के लोकार्पण को लेकर पाठकों, साहित्यकारों और युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दिया।कार्यक्रम में संतोष श्रीवास्तव, अमित सिंह, समीर श्रीवास्तव, अनवर जी, राजीव रंजन श्रीवास्तव, अक्षत झा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।पटना पुस्तक मेला इस आयोजन के साथ न केवल एक और यादगार दिन का साक्षी बना, बल्कि बिहार की विकास गाथा पर विमर्श को नई दिशा भी मिली।