सियासत का खेल: अश्विनी चौबे के मौन व्रत समाप्त करते ही महागठबंधन नेताओं ने धोया अंबेदकर की प्रतिमा

सियासत का खेल: अश्विनी चौबे के मौन व्रत समाप्त करते ही महागठबंधन नेताओं ने धोया अंबेदकर की प्रतिमा

- अंबेदकर चौक पर बैठ ही केन्द्रीय मंत्री ने किया था मौन व्रत

- प्रतिमा धोने के बाद किया गया माल्यापर्ण

केटी न्यूज/बक्सर

सियासत की खेल भी बड़ी निराली है। जिस बाबा साबह अंबेदकर ने भारतीय संविधान की रचना कर देश को एकसूत्र में बांधने का काम किया था अब उनके नाम पर भेदभाव बढ़ाने का काम किया जा रहा है। बता दें कि शुक्रवार को बक्सर के अंबेदकर चौक स्थित अंबेदक प्रतिमा के नीचे बैठ केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किसानों पर जुल्म तथा शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के खिलाफ 24 घंटे का मौन अनशन शुरू किया था। शनिवार को उनका मौन अनशन खत्म होते ही महागठबंधन नेताओं ने अंबेदकर की प्रतिभा को धोकर माल्यापर्ण किया।

खास यह कि इस दौरान महागठबंधन के दोनों मुख्य घटक राजद व जदयू के जिलाध्यक्ष के साथ ही वामदलों के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। प्रतिमा धोने का नेतृत्व राजद व जदयू जिलाध्यक्ष के साथ ही पूर्व सांसद कामरेड तेजनारायण सिंह के नेतृत्व में किया गया। उनका तर्क था कि केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे हमेशा झूठ बोलते है। उनके बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे बैठने से प्रतिमा दूषित हो गई है। प्रतिमा के शुद्धीकरण के लिए ही उसे धोया गया है। दिलचस्प है कि बाबा साहेब ने अपने जीवन काल में समरस समाज बनाने की न सिर्फ कल्पना की थी बल्कि वे आजीवन इसके लिए संघर्ष भी करते रहे थे।

लेकिन अब उन्हीं के नाम पर सियासत का ऐसा खेल खेला जा रहा है। हालांकि जिस मुद्दे पर अश्विनी चौबे मौन अनशन पर बैठे थे उनमें एक मुद्दा किसानों का था। जिनका समर्थन भी महागठबंधन वाले कर रहे है। जबकि रामचरित मानस पर दिए गए शिक्षा मंत्री के बयान पर महागठबंधन नेताओं ने चुप्पी साधने में ही भलाई समझी।  बहरहाल बक्सर में पूरे दिन इस घटना की चर्चा होते रही।