महंगा पड़ा केन्द्रीय मंत्री का विरोध, अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा के दो पूर्व जिलाध्यक्ष पार्टी से निष्कासित
प्रदेश नेतृत्व में पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह व माधुरी कुंवर को छह वर्षों के लिए किया है निलंबित
केटी न्यूज/बक्सर
भाजपा के अंदर रहकर कद्दावर नेता व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का लगातार विरोध करने वाले तथा मीडिया मे बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले पार्टी के दो जिलाध्यक्षों को प्रदेश नेतृत्व ने छह सालों के लिए निलंबित कर दिया है। उनका निलंबन प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के कहने पर प्रदेश
कार्यालय मंत्री सत्यपाल नरोतम ने किया है। निलंबित होने वाले पूर्व जिलाध्यक्षों में राणा प्रताप सिंह व माधुरी कूवर शामिल है। दोनों पर पार्टी की अनुशासन समिति ने भी शिकायती रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपा था। बता दें कि हाल के दिनों में भाजपा कार्यकर्ताओं में केन्द्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद के प्रति विरोध का स्वर फूट रहा था। विरोधी खेमे का नेतृत्व दोनों
पूर्व जिलाध्यक्ष कर रहे थे। इसके पहले प्रदेश नेतृत्व द्वारा सभी को बयानबाजी से बचने तथा पार्टी नेताओं का विरोध नहीं करने की नसीहत दी थी। लेकिन वे इसे दरकिनार कर रहे थे। जिसके बाद पार्टी ने दोनों पर सख्त कदम उठाया है। वही दूसरी तरफ इस फैसले के खिलाफ बोलते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री का विरोध जारी रहेगा।
आखिर उन्हें पिछले नौ साल का जबाव जनता के सामने देना होगा कि उन्होंने क्या क्या किया है तथा उनकी योजनाएं मूर्त रूप क्यों नहीं ले सकी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को किला मैदान में एक बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। जबकि माधुरी कुवर ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है।