आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर फूटा जनाक्रोश, सिकटौना श्रीधराचार्य गुरूकुलम में पुतला दहन

मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण बेटियों को लेकर दिए गए कथित विवादित एवं आपत्तिजनक बयान के खिलाफ शुक्रवार को सिकटौना श्रीधराचार्य गुरूकुलम में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। विश्वामित्र सेना के तत्वावधान में आयोजित इस आंदोलन में गुरूकुलम के छात्रों, शिक्षकों और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने संतोष वर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनका पुतला दहन किया और राज्य सरकार एवं प्रशासन से त्वरित एवं कठोर कार्रवाई की मांग की।

आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर फूटा जनाक्रोश, सिकटौना श्रीधराचार्य गुरूकुलम में पुतला दहन

-- ब्राह्मण बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विश्वामित्र सेना ने की कड़ी कार्रवाई की मांग, चेताया समय रहते सरकार ने नहीं लिया संज्ञान तो होगा व्यापक आंदोलन

केटी न्यूज/बक्सर

मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण बेटियों को लेकर दिए गए कथित विवादित एवं आपत्तिजनक बयान के खिलाफ शुक्रवार को सिकटौना श्रीधराचार्य गुरूकुलम में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। विश्वामित्र सेना के तत्वावधान में आयोजित इस आंदोलन में गुरूकुलम के छात्रों, शिक्षकों और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने संतोष वर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनका पुतला दहन किया और राज्य सरकार एवं प्रशासन से त्वरित एवं कठोर कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि प्रशासनिक सेवा जैसी जिम्मेदार पदवी संभालने वाले अधिकारी से ऐसी टिप्पणी की अपेक्षा नहीं की जा सकती। समाज के किसी भी वर्ग विशेष, खासकर बेटियों के सम्मान से जुड़े मुद्दों पर असंवेदनशील बयान देना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी आहत करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मानसिकता न केवल प्रशासनिक मर्यादा के विपरीत है, बल्कि समाज में अनावश्यक तनाव और भेदभाव को भी बढ़ावा देती है।

विश्वामित्र सेना के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि संतोष वर्मा का यह बयान सीधे-सीधे एक समुदाय की अस्मिता, परंपरा और सम्मान पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज की बेटियां सदियों से ज्ञान, संस्कार और संस्कृति की प्रतीक रही हैं। ऐसे में उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सेना के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि संबंधित अधिकारी के खिलाफ शीघ्र अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा आंदोलन खड़ा करने को बाध्य होगा।

प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि गुरूकुलम जैसे संस्थान में शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं के लिए यह केवल विरोध का विषय नहीं, बल्कि संस्कृति और मानवता की रक्षा का प्रश्न है। उनका कहना था कि एक आईएएस अधिकारी द्वारा इस तरह की टिप्पणी प्रशासनिक आचार संहिता का भी स्पष्ट उल्लंघन है, जिस पर तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि समाज में किसी भी वर्ग के प्रति विद्वेष फैलाने वाली सोच को बढ़ावा देना राष्ट्रहित में नहीं है। ऐसी मानसिकता रखने वाले अधिकारियों को सेवा में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। सरकार से मांग की गई कि वे मामले का संज्ञान लेकर उचित जांच कराएं और सार्वजनिक तौर पर इस तरह की टिप्पणियों के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की बेटियों के सम्मान, समरसता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो विश्वामित्र सेना चरणबद्ध तरीके से आंदोलन तेज करेगी।