नीट में रंभा ने लहराया सफलता का परचम, ऑल इंडिया रैंकिंग में पाई यह स्थान
रंभा पाल ने अपने पिता के जज्बे और परिवार के समर्थन से लगनपूर्वक तैयारी की और नीट परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया। इस होनहार छात्रा ने अपने पहले ही प्रयास में देश की कठिन परीक्षा नीट में 99.63 पर्सेंटाइल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। उसने 720 अंकों की परीक्षा में 681 अंक अर्जित किए हैं।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: प्राइवेट जॉब कर साधारण परिवार के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के सपनों को पंख लगा दिया। प्रखंड के पैकौली गांव की रंभा पाल ने अपने पिता के जज्बे और परिवार के समर्थन से लगनपूर्वक तैयारी की और नीट परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया। इस होनहार छात्रा ने अपने पहले ही प्रयास में देश की कठिन परीक्षा नीट में 99.63 पर्सेंटाइल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। उसने 720 अंकों की परीक्षा में 681 अंक अर्जित किए हैं। अब रंभा को एमबीबीएस करने का मौका देश के अग्रणी संस्थान से मिलेगा।
रंभा ने बताया कि उसे फिजिक्स में 99.68, कैमेस्ट्री में 99.04 और बायोलॉजी में 98.46 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त हुए हैं। उसकी ऑल इंडिया रैंक 8264 और कैटेगरी रैंक 3354 है। रंभा की अब तक की शिक्षा प्रखंड के इनोवेटिव एकेडमी से मैट्रिक और पटना से इंटरमीडिएट की पढ़ाई हुई। इसके बाद उसने कोटा में कोचिंग क्लास की, जिससे उसे नीट के लिए आवश्यक बुनियादी आधार मिला।
पूर्व मुखिया व बड़े पिताजी कपिल देव पाल और पिता लल्लन पाल का मार्गदर्शन और सहयोग रंभा की सफलता में अहम भूमिका निभाई। तैयारी के दौरान मां विजवंती देवी और अन्य परिजनों का भरपूर सहयोग मिला। अपनी बेटी की इस सफलता से गदगद पिता लल्लन पाल ने कहा कि हर अभिभावक को अपने बच्चों की योग्यता को पहचानकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उचित मंच प्रदान करना चाहिए।
रंभा की इस सफलता ने न केवल उसके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि पूरे प्रखंड का मान भी बढ़ाया है। उसकी मेहनत और समर्पण सभी छात्रों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने बताया कि सफलता के लिए समर्पण, नियमित अध्ययन और सही मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रंभा की इस उपलब्धि से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने भी उसकी इस सफलता पर गर्व महसूस करते हुए उसे बधाई दी है। रंभा की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा, मार्गदर्शन और अपने सपनों को पाने की दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
रंभा अब अपनी आगे की पढ़ाई देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से करने के लिए तैयार है और भविष्य में एक सफल डॉक्टर बनने का सपना देख रही है। उसके इस सफर में उसका परिवार, शिक्षक और कोचिंग संस्थान सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रंभा का यह सफर न केवल उसकी मेहनत का फल है, बल्कि उन सभी का भी योगदान है जिन्होंने उसे हर कदम पर समर्थन और प्रोत्साहन दिया।