बिना सूचना के ग़ायब रहने वाले 27 हज़ार शिक्षकों पर एक्शन, दरभंगा में सबसे ज़्यादा कार्रवाई

बीते 10 महीनों में लगभग 27,000 शिक्षकों का वेतन काटा जा चुका है। यह कार्रवाई स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों पर की गई है।

बिना सूचना के ग़ायब रहने वाले 27 हज़ार शिक्षकों पर एक्शन,  दरभंगा में सबसे ज़्यादा कार्रवाई

केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: पटना। बिना सूचना के स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और इसका परिणाम शिक्षकों के वेतन कटौती के रूप में सामने आ रहा है। पिछले 10 महीनों में 32,828 शिक्षकों के वेतन काटने की अनुशंसा की गई है। ये शिक्षक औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल में अनुपस्थित पाए गए हैं।

27 हजार शिक्षकों के वेतन कटे

के. के. पाठक ने राज्यभर के सरकारी स्कूलों में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों का वेतन काटकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। अब तक 32,828 शिक्षकों के वेतन कटौती की अनुशंसा की गई है। वहीं, बीते 10 महीनों में लगभग 27,000 शिक्षकों का वेतन काटा जा चुका है। यह कार्रवाई स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों पर की गई है।

IAS के. के. पाठक की सख्ती का असर पूरे राज्य में देखा जा रहा है, लेकिन वेतन कटौती के मामले में सबसे अधिक संख्या दरभंगा जिले की है। यहां 3,884 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। बिना सूचना के गायब रहने वाले शिक्षकों की संख्या में दूसरा स्थान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा है। नालंदा में तीन हजार शिक्षकों के वेतन की कटौती हुई है। शिक्षा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वेतन कटौती की अनुशंसा सबसे अधिक नालंदा से आई है, जहां 3,886 शिक्षकों की अनुशंसा की गई है।

बिहार का शिवहर जिला वेतन कटौती के मामले में सबसे नीचे है। यहां सिर्फ 57 शिक्षकों के वेतन काटे गए हैं। दरभंगा और नालंदा के बाद सबसे अधिक 1,677 शिक्षकों का वेतन सारण जिले में कटा है। अन्य जिलों में भी यह आंकड़ा कम नहीं है। औरंगाबाद में 1,332, भागलपुर में 1,132, नवादा में 1,048, सुपौल में 994, पूर्वी चंपारण में 921, अररिया में 918, मधुबनी में 888, समस्तीपुर में 775, बेगूसराय में 756 और सीतामढ़ी में 715 शिक्षकों का वेतन काटा गया है।

1 जुलाई, 2023 से किया जा रहा है निरीक्षण

शिक्षा विभाग में IAS के. के. पाठक ने ACS का पद संभालते ही सरकारी स्कूलों पर सख्ती शुरू कर दी थी। उनके आदेश