बक्सर केन्द्रीय कारा में बंद दुष्कर्म के आरोपी ने धारदार हथियार से काटा गला, कुछ मिनट पहले ही मां और प्रेमिका से हुई थी मुलाकात

बक्सर केन्द्रीय कारा में बंद दुष्कर्म के आरोपी ने धारदार हथियार से काटा गला, कुछ मिनट पहले ही मां और प्रेमिका से हुई थी मुलाकात

- शुक्रवार को ही जेल में मिलने गई थी मां, बहन व प्रेमिका

- बड़ा सवाल जेल के अंदर कैदी को कहा से मिला धारदार हथियार

केटी न्यूज/बक्सर

शुक्रवार को बक्सर केन्द्रीय कारा में बंद दुष्कर्म के आरोपी ने धारदार हथियार से अपना गला काट लिया। खून से लथपथ जब वह जमीन पर गिर छटपाटने लगा तब केन्द्रयी कारा कर्मियों को इस घटना की जानकारी हुई। इसके बाद आनन फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। घटना दोपहर एक बजे की है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को ही उसकी मां, बहन तथा प्रेमिका उससे मिलने जेल पर आई थी। मिलकर जैसे ही परिजन वापस लौटे कि उसने धारदार हथियार से अपना गला रेत लिया। कैदी की पहचान सिकरौल थाना क्षेत्र के दीवान के बड़का गांव निवासी सत्यनारायण चौधरी के 27 वर्षीय पुत्र बिट्टु कुमार के रूप में हुई है। उस पर सिकरौल थाने में पॉस्को ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह बक्सर केन्द्रीय कारा में पिछले सात महीने से बंद था। इस घटना के बाद केन्द्रीय कारा प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है। बड़ा सवाल यह है कि सेंट्रल जेल में उसके पास धारदार हथियार कहां से आया और जब वह अपना गला रेत रहा था तो उस दौरान जेल की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कैदी क्या कर रहे थे। इस घटना के बाद यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि यदि कैदियों के पास धारदार हथियार पहुंच रहा है तो उनके बीच कभी भी गैंगवार हो सकती है। बहरहाल सदर अस्पताल में कैदी का इलाज जारी है।

कहते है कारा उपाधीक्षक

उक्त कैदी नाबालिक से दुष्कर्म का आरोपी है। सात महीना पहले वह जेल में आया था। शुक्रवार को उसके परिजन उससे मुलाकात करने आए थे। इसके बाद उसने अपना गला रेत लिया। इसकी जानकारी मिलते ही तत्काल उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। - त्रिभुवन सिंह, कारा उपाधीक्षक, केन्द्रीय कारा बक्सर

क्या कहते है सदर अस्पताल के चिकित्सक

उसका इलाज करने वाले सदर अस्पताल के चिकित्सक डा संजय सिंह ने बताया कि उसके गले पर 5-6 इंच गहरा जख्म हुआ है। टांका लगा दिया गया है। जरूरी दवाएं दी गई है। उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।