पार्टी सुप्रीमो के स्वास्थ लाभ के लिए राम और रहीम के शरण में राजद
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद अब उनके शीघ्र स्वस्थ हो घर लौटने के लिए राजद ने मंगलवार को पूरे दिन पूजा व इबादत कर दुआएं मांगी। एक तरफ शहर के शहीद बाबा मजार पर राजद ने चादरपोशी किया तो दूसरी तरफ लंगटू महादेव मंदिर में भी पूजा अर्चना कर संकट निवारण हवन किया।
- पूरे दिन मंदिरों में पूजा तो मजारों पर चादर पोशी कर मांगी गई दुआ
केटी न्यूज/बक्सर : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद अब उनके शीघ्र स्वस्थ हो घर लौटने के लिए राजद ने मंगलवार को पूरे दिन पूजा व इबादत कर दुआएं मांगी। एक तरफ शहर के शहीद बाबा मजार पर राजद ने चादरपोशी किया तो दूसरी तरफ लंगटू महादेव मंदिर में भी पूजा अर्चना कर संकट निवारण हवन किया। इस दौरान राजद नेताओं ने कहा कि वे गरीबों के मसीहा है तथा उनके स्वस्थ होने की कामना करोड़ो लोग कर रहे है। राजद ने पूजा व इबादतों के जरिए उनके जल्दी ठीक हो घर आने की कामना की है। वही किडनी प्रत्यारोपण सफल होने पर खुशी भी जताई गई। राजद नेताओं ने कहा कि वे अपने जीवन में हमेशा संघर्ष किए है। इस बार भी उनका संघर्ष सफल होगा। गौरतलब है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव न सिर्फ बिहार बल्कि देश के चहेते नेताओं में शामिल है। उन्हें बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा नेता माना जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को राजद कार्यकर्ताओं ने प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर के नेतृत्व में शहर के लंगटू महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर संकट निवारण जप किया। इसकी तैयारी सुबह से ही की गयी थी। समापन के बाद हवन कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गयी। वहीं दूसरी ओर नगर अध्यक्ष मुन्ना खां के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने हजरत सैयद साह शहीद बाबा के मजार पर चादरपोशी कर दुआएं मांगी। इस दौरान पूर्व प्रदेश महासचिव अखिलेश सिंह, मेहंदी हसन, शमी अख्तर, कृष्ण बहादुर, राजकुमार, धर्मेंद्र यादव, भुअर सिद्दकी, सलीम अख्तर, लालबाबू यादव, गुप्तेश्वर राम, हरेंद्र गोंड सहित अन्य मौजूद थे। बतादें कि सिंगापुर में लालू प्रसाद यादव की किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया, जहां उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपनी किडनी दान कर उनको नया जीवन दिया. इस सफल ऑपरेशन के बाद राजद सुप्रीमो और उनकी बेटी रोहिणी दोनों स्वस्थ है। समर्थकों ने पिता और बेटी को जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए पूजा-अर्चना का दौर जारी रखा।