नरक का दर्शन करना हो, तो चले आइए टेक्सटाईल कॉलोनी...
करीब 400 घरों वाले टेक्सटाईल कॉलोनी में कोई भी एक ऐसी गली नहीं है, जहां नालियों का गंदा पानी सड़क पर न पसरा हो। इसके अलावे पूरे कॉलोनी में चारों तरफ पसरे कूड़ा कचरा व गंदगी सभ्य शरीफ लोगों को मुंह चिढ़ता नजर आ रहा है।
- टेक्सटाइल कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर पसरा है नाली का गंदा पानी
- पूरे दिन बदबू व सड़ांध से जीना हो गया है मुहाल
केटी न्यूज/डुमरांव : साक्षात नरक का दर्शन करना हो, तो चले आइए डुमरांव के सबसे बड़े कॉलोनी में। जी हां हम टेक्सटाईल कॉलोनी की बात कर रहे हैं। करीब 400 घरों वाले इस कॉलोनी में कोई भी एक ऐसी गली नहीं है, जहां नालियों का गंदा पानी सड़क पर न पसरा हो। इसके अलावे पूरे कॉलोनी में चारों तरफ पसरे कूड़ा कचरा व गंदगी सभ्य शरीफ लोगों को मुंह चिढ़ता नजर आ रहा है। दिलचस्प तो यह कि इस कॉलोनी में घर बनाने वाले आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों के वैसे लोग है जो लाखों रुपए खर्च कर सुख चैन व सुविधायुक्त जीवन बिताने के लिए अपने गांव को छोड़कर आए है। उन्हें लगा होगा कि शहरों में गांवों जैसी नाली गली जैसी समस्याएं नहीं होगी। नगर परिषद क्षेत्र होने के कारण यहा कायदे से मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
लेकिन लाखों खर्च के बाद यहां आकर वे ठगा महसूस कर रहे है। उन्हें गांव से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। गांवों में तो सिर्फ बरसात में ही कीचड़ जलजमाव व नालियों के दुर्गंध का सामना करना पड़ता होगा। लेकिन यहां तो सालभर यही स्थिति बनी हुई है। बता दें कि इस मोहल्ले में तीन दर्जन से अधिक छोटी बड़ी गलियां है। कई गलिया अभी भी कच्ची है तो कुछ पक्की भी बनी है, पक्की गलियों में नालियां भी बनी है। लेकिन जलनिकासी का कोई रास्ता नहीं हैं। जिस कारण नालियों का गंदा पानी ओवर फ्लो हो सड़कों पर बह रहा है। जिस कारण इस मोहल्ले वालों को हर दिन गंदे पानी का पार कर आना जाना पड़ रहा है। लंबे समय से नालियों का पानी जमा होने से अब सड़ांध भी लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
मुहल्ले की मिक्की सैनी ने बताया कि नगर परिषद के सफाईकर्मी भी इस मोहल्ले में नियमित नहीं आते है। उन्होंन कहा कि लाखों सभी नालियां अनुपयोगी है। जिससे जलजमाव की समस्या स्थायी बन गई है। वही पम्मी ओझा ने बताया कि गंदगी के कारण मच्छड़ो की संख्या भी बढ़ गई है। जिससे डेंगू मलेरिया का खतरा बना हुआ है। डा एसके सैनी ने कहा कि जल्दी ही नगर परिषद के उदासीन रवैये के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। जबकि बिनोद पांडेय की मानें तो नगर परिषद सफाई के नाम पर लाखों रूपए खर्च कर रहा है। लेकिन टेक्सटाईल कॉलोनी की स्थिति नारकीय बनी हुई है।